छत्तीसगढ़

पारेट सुनिता के लिए कुआं बना आजीविका का जरिया

बीजापुर।कुआं जल संरक्षण का कार्य करता है, ग्रामीण क्षेत्रों में आमतौर पर कुएं को खेतो की सिंचाई के लिए उपयोग में लाते है किंतु यह वर्षाजल को संरक्षित कर भूजल स्तर में वृद्धि का सबसे उपयुक्त माध्यम है। यही कारण है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत दुर्बल वर्गों के लिए इसे व्यक्तिगत कार्य के रूप में प्रमुखता से स्वीकृति दी जाती है। ग्राम पंचायत पेगडापल्ली की निवासी पारेट सुनिता ने अपनी निजी भूमि पर वित्तीय वर्ष 2020-21 में कूप निर्माण कराया है। यह कूप वर्तमान में उसकी आजीविका का आधार बन गया है।

बीजापुर जिले के जनपद पंचायत भोपालपटनम अन्तर्गत ग्राम पंचायत पेगड़ापल्ली में रहने वाली पारेट सुनिता एक साधारण परिवार से है। माता-पिता के निधन होने के बाद आश्रित भाई-बहन के पालन पोषण की जिम्मेदारी भी सुनीता पर आ गई। किसानी और मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही थी किंतु यह पर्याप्त नहीं था। सुनीता को ग्राम पंचायत से यह जानकारी मिली कि महात्मा गांधी नरेगा योजना से व्यक्तिमूलक कार्य के रूप में कूप निर्माण की स्वीकृति दी जाती है। सुनीता ने अपनी भूमि पर सिंचाई सुविधा के लिए कूप निर्माण कराने के लिए आवेदन दिया। विगत 2 वर्षो से यही कुआं सुनीता के आजीविका का आधार बन गया है। सुनीता बताती है कि बाड़ी में साग-सब्जी का उत्पादन गृहग्राम पेगडापल्ली सहित मददेड और बीजापुर बाजार में सब्जियां बेचकर प्रति सप्ताह 1500 रुपए कमा लेती है। पारेट सुनिता का कहना है गर्मियों में इसी कुएं से मोटर पंप के सहारे सब्जी-बाड़ी में सिंचाई कर आधा एकड़ भूमि में कुएं के बदौलत व भिंडी, टमाटर, मिर्ची, बरबट्टी, लौकी, बैंगन और तोरई जैसी सब्जियों एवं प्याज की खेती की है। सुनीता बारिश के सीजन को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में फिर सब्जी भाजी बोने की तैयारी में जुट गई है।

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