
रायपुर/खरसिया। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन डीएपी खाद की किल्लत को लेकर जमकर बहस हुई।

खरसिया विधायक उमेश पटेल ने प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में खाद संकट को लेकर सरकार से जवाब मांगा। इस पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि प्रदेश में खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार संपर्क किया जा रहा है और आने वाले एक-दो दिनों में खरसिया सहित अन्य क्षेत्रों में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी जाएगी।
खाद वितरण पर उठे सवाल, निजी क्षेत्र को खाद देने पर नाराजगी
https://youtu.be/_8IR4WHJ5NY?si=_VOHmcQ_19cJ3IuQ
खरसिया विधायक उमेश पटेल ने सवाल उठाया कि जून तक केवल 50% डीएपी खाद का भंडारण हुआ है, जबकि आपूर्ति की कोई ठोस योजना नजर नहीं आ रही। उन्होंने यह भी पूछा कि अब तक कितना खाद सहकारी समितियों को और कितना निजी व्यापारियों को दिया गया। जवाब में नेताम ने कहा कि राज्य में कुल 1.48 लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध रहा है, जिसमें से 60% सहकारी समितियों को और 40% निजी क्षेत्र को दिया गया है।

हालांकि, अब निर्णय लिया गया है कि आगामी समय में डीएपी केवल सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को वितरित किया जाएगा।
https://twitter.com/umeshpatelcgpyc/status/1945863123715620913?t=mkEj5WOfX11uay0eku8j3A&s=19
विधानसभा अध्यक्ष की भी कड़ी टिप्पणी
विधानसभा अध्यक्ष ने निर्देशित किया कि डीएपी खाद शत-प्रतिशत किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से दिया जाए और निजी क्षेत्र को इससे बाहर रखा जाए। इस पर कृषि मंत्री ने घोषणा की कि आगे से डीएपी केवल सहकारी समितियों के जरिए वितरित किया जाएगा।
नकली खाद पर भी उठे सवाल
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पिछली सरकार के दौरान नकली खाद की सप्लाई का मुद्दा उठाया, जिस पर सदन में हंगामा हुआ। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस हुई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने नकली यूरिया पर सख्त कार्रवाई की थी, खासकर राजनांदगांव में।
जमीनी स्तर पर लापरवाही उजागर

वहीं, खाद वितरण की व्यवस्थाओं को लेकर आदिमजाति सेवा सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे। बताया गया कि कई समितियां समय पर मांग पत्र तक नहीं भेज रही हैं, जिससे खाद की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।

कई क्षेत्रों में अमानक खाद का भंडारण कर रखा गया है, और रखरखाव की समुचित व्यवस्था भी नहीं है, जिससे किसानों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
संक्षेप में:
- डीएपी की कमी पर उमेश पटेल ने उठाए सवाल
- कृषि मंत्री ने कहा- जल्द पहुंचेगा खाद, सहकारी समितियों को प्राथमिकता
- विधानसभा अध्यक्ष ने भी निर्देशित किया – निजी क्षेत्र को खाद न दी जाए
- नकली खाद पर भी उठे सवाल, सदन में हुआ हंगामा
- जमीनी स्तर पर सहकारी समितियों की लापरवाही उजागर
किसान परेशान,सवाल बरकरार

इस पूरे मुद्दे पर सवाल यह है कि जब राज्य में डीएपी की आपूर्ति की स्पष्ट योजना नहीं है और जमीनी स्तर पर समितियां लापरवाही बरत रही हैं,तब किसानों को राहत कैसे मिलेगी?

आने वाले दिनों में खाद वितरण की स्थिति कैसी रहेगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।




