
खरसिया। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आज जनपद कार्यालय सभागार में नवपदस्थ अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) प्रवीण तिवारी के नेतृत्व में एक परिचयात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में तहसीलदार श्रीमती अनुराधा पटेल, बीएमओ डॉ अभिषेक पटेल समस्त विभागीय अधिकारियों,कर्मचारियों तथा जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। बैठक का उद्देश्य अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच परिचय स्थापित करना तथा विकास कार्यों की प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करना रहा।

बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई तथा जिन क्षेत्रों में कार्य धीमी गति से चल रहे हैं, उन पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई।
विकास कार्यों को लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी सुझाव, समस्याएं और समाधान के विकल्पों पर अपनी राय रखी। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों की स्थिति, जल आपूर्ति, कृषि योजनाएं जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई।
नवपदस्थ एसडीएम प्रवीण तिवारी ने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि समयबद्ध और पारदर्शी कार्य प्रणाली ही उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने जनता के साथ संवेदनशील व्यवहार और हर समस्या का समाधान प्राथमिकता से करने का भरोसा दिलाया।
मीडिया की उपेक्षा बनी चर्चा का विषय
हालांकि, इस बैठक में स्थानीय मीडिया को कोई विशेष महत्व नहीं दिया गया। ना तो उन्हें बैठक की पूर्व सूचना दी गई, और ना ही बाद में कोई औपचारिक संवाद उपलब्ध कराई गई।
क्षेत्रीय पत्रकारों ने इसे ‘सूचना की पारदर्शिता में कमी’ और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की अनदेखी करार दिया। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने मीडिया से दूरी बनाकर रखी — यह रणनीति थी या संयोग, इसका जवाब “राम ही जाने।”
बैठक में भले ही विकास कार्यों को लेकर योजनाएं बनी हों, लेकिन जनसंचार के सबसे अहम माध्यम – मीडिया को नजर अंदाज करना,कई सवालों को जन्म देता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले दिनों में स्थानीय शासन -प्रशासन और मीडिया के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा, ताकि आम जनता तक सही और समय पर शासन -प्रशासन,सरकार और सत्ता का संदेश पहुंचे।



