
नंदेली। झीरम घाटी नक्सली हमले की बरसी पर समूचा छत्तीसगढ़ शोकाकुल हृदय से उन अमर शहीदों को नमन कर रहा है, जिन्होंने लोकतंत्र, सेवा और जनकल्याण के मार्ग पर चलते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।

इस अवसर पर नंदेली निवासी राधा चरण पटेल ने अपने छोटे भाई शहीद नंदकुमार पटेल और भतीजे शहीद दिनेश पटेल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,
“शब्दांजलि क्या मार सकेगी मौत उसे, जो…
झीरम की वह काली संध्या न केवल एक परिवार के लिए अपूर्णनीय क्षति थी, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति,समाज और भविष्य के लिए एक गहरा घाव बन गई। उस दिन हमने दो ऐसे सपूत खो दिए, जिनकी सोच, सेवा और समर्पण पूरे प्रदेश की पहचान बन चुके थे।

पटेल ने कहा,
“शहीद नंदकुमार पटेल और शहीद दिनेश पटेल की कुर्बानी को शब्दों में पिरोना संभव नहीं, वे आज भी हमारी आत्मा में जीवित हैं।”

इस शहादत दिवस पर जब समूचा राज्य उन्हें याद कर रहा है, तब यह संदेश एक गहरी भावना लेकर आता है—कि बलिदान व्यर्थ नहीं जाते। यह श्रद्धांजलि केवल एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की आवाज है।
शहीद कभी मरते नहीं, वे अमर होते हैं – हमारी सांसों में, हमारे विचारों में, और हर उस संकल्प में जो इस देश को आगे ले जाता है।

आज जब हम सिर झुकाकर उन्हें नमन करते हैं, तो एक बार फिर यह संकल्प दोहराते हैं—उनके दिखाए रास्ते पर चलकर हम एक बेहतर और सुरक्षित क्षेत्र का निर्माण करेंगे।

वीरों को कोटि-कोटि नमन।




