
खरसिया। नियम कानून जाएं भाड़ में! रायगढ़ जिला मुख्यालय से खरसिया विधानसभा क्षेत्र के पश्चिमी हिस्से तक राष्ट्रीय राजमार्ग 49 अब विकास की नहीं, प्रशासनिक नाकामी की जीती-जागती तस्वीर बन गया है। सफर के दौरान आंखों को चुभते हैं धुएं से भरे आसमान और लाल ईंट भट्ठों की बेशर्म हरकतें — खुलेआम उड़ रही है फ्लाई ऐश और उद्योग घरानों द्वारा उड़ाया जा रहा है विभिन्न नियमों अधिनियम का मज़ाक।

हर किलोमीटर पर एक नया , हर मोड़ पर एक नया ‘एश माउंटेन’! लाल ईंट भट्ठों का धंधा फल-फूल रहा है,लेकिन इनकी मॉनिटरिंग में प्रशासन फेल — पूरी तरह से।
OMG ये प्रशासन है या मूक दर्शक?
अब तों बांटे चश्मा भी टूट चुका है क्षेत्र के जनता की आंखें जलने लगें और सांस लेना दूभर हो जाए, तब क्या केवल “कार्यवाही की जाएगी” वाला बयान ही काफी है?
कहाँ हैं जिम्मेदार अधिकारी?
लोग दबी-जुबान आफ़ कैमरा कलमकारों से पुछते है कि क्या ये सब उनकी निगरानी में हो रहा है, या फिर उन्हें भी फ्लाई ऐश की परत ने ढंक दिया है?
एनएच-49 अब…

इस हाईवे पर चलना अब किसी रोमांच नहीं, बल्कि रिस्क से भरी यात्रा है। जहां एक तरफ नियम-कानून केवल कागजों में कैद हैं,वहीं दूसरी ओर ईंट भट्ठों की मनमानी चरम पर है।

आधुनिकता और परंपरा में संतुलन: हम तकनीकी रूप से उन्नत हों,लेकिन अपनी जड़ों से कटे न हों। आधुनिक साधनों का उपयोग करते हुए भी हमें अपनी संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए।
सामाजिक चेतना और जागरूकता: हर व्यक्ति को यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि वह समाज में सकारात्मक मूल्यों का प्रचारक बने।
प्रशासन अब भी नहीं जागा,तो जल्द ही यह इलाका केवल नक्शे पर ही हरा दिखाई देगा — असल में नहीं।




