
मातृशक्ति की भव्य भागीदारी, दीपों से जगमगाया गांव बना आस्था का केन्द्र

खरसिया (रायगढ़)। खरसिया विकासखंड के राबर्टसन क्षेत्र अंतर्गत चपले ग्राम इन दिनों अयोध्या की भक्ति-भावना में सराबोर है। श्रीराम कथा के शुभारंभ से पूर्व रविवार को एक भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व कथावाचक पंडित अजय उपाध्याय जी ने किया। संगीतमय माहौल और श्रद्धा से भरे वातावरण में निकली यह यात्रा ग्रामवासियों के लिए एक अविस्मरणीय धार्मिक अनुभव बन गई।
माताओं-बहनों की आस्था ने बढ़ाई शोभा

कलश यात्रा में चपले सहित आस-पास के गांवों की सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सिर पर कलश धारण कर शामिल हुईं। कथा स्थल से प्रारंभ होकर यात्रा बांयग चौक होते हुए तालाब तक पहुंची, जहां पवित्र जल भरकर कलश में स्थापित किया गया। दीपों की रौशनी और भजन-कीर्तन के संग यात्रा जब लौटी, तो चपले ग्राम एक जीवंत तीर्थस्थल का रूप ले चुका था।
श्रीराम कथा में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

कलश यात्रा के पश्चात कथा स्थल पर विधिपूर्वक हवन-पूजन के साथ श्रीराम कथा का आरंभ हुआ। श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित होकर प्रभु श्रीराम की लीला श्रवण कर रहे हैं। पंडित अजय उपाध्याय जी की मधुर वाणी में कथा का रसपान कर श्रद्धालु अभिभूत हो रहे हैं।
आयोजक परिवार का संदेश: “करने वाले राम,कराने वाले राम“
कथा आयोजन समिति ने क्षेत्रवासियों से आह्वान किया है कि अधिक से अधिक संख्या में कथा में भाग लें और प्रभु श्रीराम की महिमा का अनुभव करें। समिति का संदेश है कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और मातृशक्ति की चेतना का भी प्रतीक है।
अयोध्या बनी चपले की गलियाँ

कथा आयोजन के चलते चपले ग्राम की हर गली दीप, कलश और रंगोली से सजी है। ग्रामीणों ने इसे एक उत्सव का रूप दे दिया है, जो सांस्कृतिक चेतना को भी नया आयाम दे रहा है।
सप्ताह भर चलेगा कथा आयोजन

यह संगीतमय श्रीराम कथा पूरे सप्ताह दोपहर से प्रारंभ होकर प्रभु इच्छा तक चलेगी। श्रद्धालुओं से निवेदन है कि वे समय निकालकर अधिक से अधिक संख्या में इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनें।
पिता ने दिखाई धर्म की राह,पुत्र बना प्रेरणा का स्रोत

आज के समय में जब अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को केवल धन, संपत्ति और भौतिक सुखों की ओर अग्रसर करने में लगे हैं, ऐसे में चपले गांव निवासी गेंदलाल श्रीवास ने एक अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने पुत्र वासु श्रीवास को धर्म, सेवा और संस्कार की राह पर चलने के लिए न केवल प्रेरित किया,बल्कि स्वयं भी उसके साथ कदम से कदम मिलाकर चले।
गेंदलाल श्रीवास,जो अपने गांव में धार्मिक प्रवृत्ति और सामाजिक सेवा के लिए जाने जाते हैं, ने अपने बेटे को कम उम्र से ही पूजा-पाठ, सत्संग और सामाजिक कार्यों से जोड़ा। परिणामस्वरूप, वासु आज न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में रुचि रखता है, बल्कि गांव में युवाओं के बीच एक प्रेरणास्रोत भी बन चुका है।
वासु श्रीराम कथा के पोथी सर में रख कर कलश यात्रा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और समाज में नैतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार में लगा हुआ है। पिता-पुत्र की इस जोड़ी को देखकर गांव वाले गर्व महसूस करते हैं और अन्य अभिभावकों को भी इससे प्रेरणा मिल रही है।

बड़े डुमरपाली के कुमार डनसेना,बड़े जामपाली शोभा राम नायक , टेमटेमा कृष्णा चंद पटेल भैया राम नायक ने कहा

आज-कल के समय में ऐसा देखना दुर्लभ है। गेंद लाल श्रीवास ने अपने बेटे को जो संस्कार दिए हैं, वो हर माता-पिता के लिए उदाहरण हैं।
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कृष्ण कुमार पटेल,प्रद्मुम्न पटेल ने बताया कि श्रीराम कथा कलश यात्रा के दौरान खरसिया पुलिस,प्रशासन द्वारा की गई उत्कृष्ट व्यवस्था के कारण एनएच-49 पर कलश यात्रा सुगमता से संपन्न हुई।



