
खरसिया, छत्तीसगढ़:
तकनीकी सहायक के भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद अब धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में भी भ्रष्टाचार के मामलों की परतें खुलने लगी हैं। जांच और कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है, जिससे आम जनता के बीच शासन और प्रशासन की नीयत पर सवाल उठने लगे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार,गुरदा में हुए घोटाले की फाइल लंबे समय से अधिकारियों के पास दबाई गई है। शिकायतों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। इस लापरवाही से यह स्पष्ट हो रहा है कि कहीं न कहीं प्रशासनिक तंत्र स्वयं भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है।
इसी क्रम में गोंड बोरदी एवं गाड़ा बोरदी क्षेत्रों में भी भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। इन मामलों की भी जांच प्रक्रिया की बात कही जा रही है, लेकिन पिछले मामलों को देखते हुए जनता को इस जांच की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं हो रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि खरसिया जैसे संवेदनशील क्षेत्र में जिन अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है, उनकी जिम्मेदारी और कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है। जब जनता द्वारा बार-बार शिकायतें की जा रही हैं, फिर भी भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही नहीं होना कहीं न कहीं मिलीभगत का संकेत देता है।

अब यह देखना होगा कि शासन इस बढ़ते भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है या फिर यह जांच भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दी जाएगी।
जनता की मांग:
- निष्पक्ष और समयबद्ध जांच
- दोषियों पर सख्त कार्रवाई
- क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना

क्या प्रशासन जनता के भरोसे पर खरा उतर पाएगा या फिर भ्रष्टाचार की यह श्रृंखला यूं ही चलती रहेगी?



