
फर्जी कॉल,फ्रेंड रिक्वेस्ट और ऑनलाइन ठगी से सतर्क रहने का संदेश
रायगढ़। रायगढ़ पुलिस की साइबर सेल ने शुक्रवार को ओपी जिंदल स्कूल, रायगढ़ में एक विशेष साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को साइबर अपराधों से सतर्क करना और डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी देना था। कार्यक्रम का संचालन साइबर सेल डीएसपी श्री अनिल विश्वकर्मा के नेतृत्व में किया गया।
डीएसपी विश्वकर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि आज के समय में हर वर्ग साइबर अपराधियों के निशाने पर है—चाहे वह छात्र हो, शिक्षक हो या अभिभावक। उन्होंने विशेष रूप से फर्जी कॉल्स और फ्रेंड रिक्वेस्ट्स के जरिए हो रही ठगी के मामलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “कुछ लोग परीक्षा में पास कराने या नंबर बढ़ाने का झांसा देकर छात्रों और उनके परिवारों से ठगी कर रहे हैं। किसी भी स्थिति में ऐसे कॉल पर विश्वास न करें।”
कार्यक्रम में सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों की जानकारी देते हुए बताया गया कि कैसे अपराधी प्रोफाइल क्लोन करके फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और फिर ठगी या मानसिक उत्पीड़न करते हैं। डीएसपी ने इससे बचने के लिए जरूरी उपाय बताए—जैसे प्रोफाइल लॉक करना, टू-फैक्टर वेरिफिकेशन ऑन करना, और अनजान लिंक पर क्लिक न करना।
बच्चों को UPI फ्रॉड, फर्जी लोन ऐप्स, ऑनलाइन गेमिंग ठगी और डेटा चोरी जैसी समस्याओं के प्रति भी सचेत किया गया। उन्होंने कहा कि फेक लोन ऐप्स यूजर्स के मोबाइल में घुसकर निजी जानकारी चुराते हैं और ब्लैकमेलिंग करते हैं। ऐसे मामलों में तुरंत 1930 या 9479281934 पर कॉल कर या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने सोशल मीडिया, हैकिंग और ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े सवाल भी पूछे, जिनका डीएसपी ने सहज और सरल भाषा में जवाब दिया। उनकी स्पष्टता और व्यावहारिक दृष्टिकोण ने छात्रों में गहरी समझ और जागरूकता पैदा की।
साइबर सेफ्टी के लिए प्रमुख सुझाव:
- सोशल मीडिया पर केवल जान-पहचान वालों को ही जोड़ें।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर ऑन करें।
- अज्ञात लिंक और कॉल से बचें।
- एप्स केवल आधिकारिक स्टोर से डाउनलोड करें।
- निजी जानकारी किसी से साझा न करें।
- किसी भी फ्रॉड की सूचना तुरंत 1930 पर दें।
कार्यक्रम में स्कूल के प्राचार्य, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। साइबर सेल के प्रधान आरक्षक दुर्गेश सिंह और आरक्षक नवीन शुक्ला ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
जागरूक रहें, सतर्क रहें—यही डिजिटल सुरक्षा की पहली सीढ़ी है।



