खरसियाछत्तीसगढ़

खरसिया रेलवे ओवरब्रिज का मुद्दा विधान सभा में फिर उठा, सदन में सरकार ने स्वीकारा ‘वित्त विभाग के आदेश से कार्य लंबित’

खरसिया : खरसिया में रेलवे यार्ड के पास प्रस्तावित रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य एक बार फिर राजनीतिक बहस का विषय बन गया है। कांग्रेस शासन के दौरान 2021 में प्रशासकीय स्वीकृति मिलने और 2023 में टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद, खरसिया की जनता वर्षों से जिस रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण का इंतजार कर रही है यह परियोजना अब तक अधर में लटका हुआ है। विधानसभा में खरसिया विधायक उमेश पटेल द्वारा सरकार से जब इस परियोजना की स्थिति पर सवाल किया गया, तो सरकार ने स्वीकार किया कि वित्त विभाग के आदेश पर यह कार्य दिसंबर 2023 से लंबित पड़ा है। विधायक उमेश पटेल ने विधानसभा में उप मुख्यमंत्री (लोक निर्माण विभाग) अरुण साव से पूछा कि खरसिया यार्ड के पास रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य वर्तमान में किस स्थिति में है? क्या यह कार्य प्रारंभ हुआ है? यदि नहीं, तो इसे कब तक शुरू किया जाएगा? इस परियोजना की प्रशासनिक स्वीकृति कब मिली थी, और इसे पूरा करने की क्या समय-सीमा है? इस पर उप मुख्यमंत्री का उत्तर चौंकाने वाला था। उन्होंने बताया कि ”23 दिसंबर 2021 को इस परियोजना को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी थी और वर्तमान भाजपा सरकार के वित्त विभाग के निर्देश 42/2023 दिनांक 20.12.2023 के परिपालन में कार्य लंबित रखा गया है।’ कार्य कब प्रारंभ होगा निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।” यहां उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि वित्त विभाग के आदेश के कारण यह परियोजना लंबित है।

गौरतलब है कि फरवरी 2024 में भी यही प्रश्न विधानसभा में उठाया गया था, तब भी उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने जवाब दिया था कि कार्य प्रक्रियाधीन है। लेकिन अब जब मार्च 2025 में उमेश पटेल ने फिर से इस मुद्दे को उठाया, तो सरकार ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि वित्त विभाग के निर्देशानुसार कार्य रोक दिया गया है।

उपमुख्यमंत्री के उत्तर के बाद यह भी स्पष्ट हो गया कि खरसिया रेलवे ओवरब्रिज परियोजना को कांग्रेस शासनकाल में मंजूरी दी गई थी। 2021 में प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हुई और 2023 में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई। इसके अलावा, भू-अर्जन का कार्य भी संपन्न हो चुका था। लेकिन दिसंबर 2023 में नई सरकार बनने के बाद से यह परियोजना ठप पड़ी है।

राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर रेलवे ओवरब्रिज निर्माण कार्य शुरू करे सरकार – उमेश पटेल

खरसिया विधायक उमेश पटेल ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार विकास की राजनीति के बजाय केवल श्रेय लेने के लिए जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बने एक साल से अधिक हो चुका है, लेकिन अब तक निर्माण कार्य शुरू करने की कोई निश्चित तिथि नहीं दी गई। यह साफ दर्शाता है कि सरकार इस महत्वपूर्ण परियोजना को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि रेलवे ओवरब्रिज जनता की जरूरत है, लेकिन सरकार इसे राजनीति से जोड़कर विकास कार्यों में बाधा डाल रही है, जो जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने मांग की कि सरकार को राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर इस परियोजना का कार्य तुरंत शुरू करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार अनावश्यक देरी कर केवल राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही है, लेकिन जनता सब समझ रही है।

अब सवाल यह उठता है कि:

  1. जब कांग्रेस सरकार के दौरान 2021 में इस परियोजना को मंजूरी मिल गई थी और 2023 में टेंडर हो गया था, तो भाजपा सरकार बनने के बाद इसे क्यों रोका गया?
  2. वित्त विभाग के निर्देशों के पीछे क्या कारण हैं? क्या यह केवल एक राजनीतिक निर्णय है?
  3. जनता के हित के लिए सरकार कब तक इस कार्य को लंबित रखेगी?
  4. क्या वर्तमान सरकार केवल पूर्ववर्ती सरकार के कार्यों पर श्रेय की राजनीति कर रही है? अब आगे क्या?
    सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या यह परियोजना वास्तव में वित्तीय कारणों से रुकी है, या फिर यह केवल राजनीतिक श्रेय की लड़ाई बनकर रह गई है? जनता इस सवाल का जवाब चाहती है। विधायक उमेश पटेल ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर सरकार ने जल्द से जल्द रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू नहीं किया, तो वे जनता के साथ मिलकर इसके लिए बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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