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अब अयुर्वेदिक डॉक्अर भी लिखेंगे अंग्रेजी दवांइयां, एमबीबीएस डॉक्टरो में नराजगी, कलेक्टर को सौंपे विधेयक के विरोध में ज्ञापन

रायगढ़. आज इंडियन मेडिकल एसोसिएसन आफ कौंसिंल के डॉक्टरो ने नेश्नल मेडिकल कौसिंल सहित प्राइम मिनिस्टर तथा सेंट्रल गर्वमेंट के नाम कलेक्टर का सौंपा है. डॉक्टरो ने बताया कि जिस 11 साल की पढ़ाई के बाद एमबीबीएस डॉक्टर पहले अस्पताल में दो साल की ट्रेनिंग करता है अब आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी के डॉक्टर दो साल की ट्रेनिंग के बाद सीधे आपरेशन कर लोगो के स्वास्थ के जिंदगी से भी खिलवाड करेंगे. डॉक्टरो ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि सरकार के इस फैसले से लाखो लोगो की जिंदगी खतरे में पड सक्ती है. ऐसे में इस तरह के फैसले आम जनता के हित में नही है. उन्होने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा अपने बिल में 65 प्रकार के आॅपरेशन कर सकने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. जबकि एमबीबीएस के डॉक्टर 8 साल की पढाई करते है तब जाकर उन्हे यह अधिकार प्राप्त होता है.

11 साल लगते है एमबीबीएस की पढ़ाई में
डॉक्टरी सूत्रों की माने तो इस अध्यादेश के बाद जो 8-8 साल तक पढ़ाई करने वाले एमबीबीएस के डॉक्टर सक्ते में है. कई लोग तो ऐसे है तो 11 साल की पढ़ाई के बाद सजर्री करते है. ऐसे में इस फैसले को लेकर प्रशिक्षु एवं एसबीबीएस डॉक्टरो में बिल को लेकर भारी आक्रोश है. बताया यह भी कहा जा रहा है कि इस अध्यादेश को लेकर कई डॉक्टर कोर्ट जाने की तैयारी करना शुरू कर दिया है.

हम सभी होमो पैथी का सम्मान करते है परंतु कहते है न कि जिसका काम उसी को साजे. गर्वमेंट ने 65 प्रकार की सर्जरी कर सकने की अनुमति दे दी है. जबकि सजर्री करने के लिये एसबीबीएम डॉक्टरो को 8-8 साल से लेकर 11 साल तक की पढ़ाई करनी पडती है. अगर 2 साल की ट्रेनिग में आपरेशन करेंंगे तो क्या होगा यह सब जान सक्ते है.

डॉक्टर यश्वंत शिंदे ( सचिव)
इंडियन मेडिकल ऐसोसिएसन रायगढ़

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