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आयोग की समझाईश पर एकमुश्त 3 लाख रुपये भरण-पोषण के एवज में आपसी रजामंदी से तलाक तय

आयोग के दखल के बाद आवेदिका को 7 वर्ष बाद मिला नर्सिंग का सर्टिफिकेट व रजिस्ट्रेशन नंबर

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धार्मिक विवाद प्रकरण को न्यायालय जाने की सलाह पर प्रकरण किया गया नस्तीबद्ध

रायगढ़। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक आज जिला पंचायत सभाकक्ष, रायगढ़ में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 281 वीं एवं रायगढ़ जिले में आठवीं सुनवाई हुई। आज मौके पर 35 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।


सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दोनों पक्षों के बीच 5 वर्षाे से न्यायालय में लंबित है, जिसमें आवेदिका का बेटा स्कूल शिक्षा विभाग में लिपिक के पद पर पदस्थ है। वर्तमान में अनावेदक की बेटी को प्रतिमाह 3 हजार रुपये भरण-पोषण हेतु दिया जा रहा है। आयोग द्वारा समझाईश दिए जाने पर दोनों पक्ष सुलह हेतु तैयार है व आवेदिका के बेटे द्वारा एक मुश्त 3 लाख रुपये देने हेतु सहमत है और दहेज सामान को वापस करने के लिए तैयार है।

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में अनावेदक द्वारा उसकी नर्सिंग कोर्स की सर्टिफिकेट एवं रजिस्टे्रशन नहीं दिया जा रहा था। जिसमें आयोग द्वारा कार्यवाही करते हुए सुनवाई के दौरान नर्सिंग कोर्स का सर्टिफिकेट व रजिस्टे्रशन की मूल प्रति लेकर उपस्थित होने के लिए कहा गया था। अनावेदक द्वारा कालेज के चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के हाथ नर्सिंग कोर्स का सर्टिफिकेट व रजिस्ट्रेशन की मूल प्रति लेकर उपस्थित हुए। जिसकी फोटोकापी अभिलेख में रखी गई है। आवेदक को 7 वर्ष बाद छ.ग.महिला आयोग के हस्तक्षेप उपरांत अनावेदक पक्ष को शपथ पत्र लेकर रायपुर आयोग कार्यालय में उपस्थित होने कहा गया।

एक अन्य मामले में धर्मस्थल पर बाधा उत्पन्न एवं छेड़छाड़ की शिकायत का प्रकरण आया। जिसमें आवेदिका द्वारा पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र भेजा गया लेकिन मामले में मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है। वर्तमान में आवेदिका द्वारा प्रकरण न्यायालय में लगाया गया है। चूंकि प्रकरण न्यायालय में दर्ज होने के कारण आयोग द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया गया और नस्तीबद्ध किया गया।
आज एक प्रकरण में उपस्थित दोनों पक्षों के मध्य संरक्षण अधिकारी द्वारा सुलह कराकर आयोग में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। दोनों पक्षों के बीच वर्तमान में कोई विवाद नहीं है और वे प्रकरण समाप्त करना चाहते है। जिसकी वजह से आयोग द्वारा प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका पूर्व में अनावेदक पक्ष के विरूद्ध शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें समझौता हो चुका था। लेकिन पुन: विवाद होने के कारण आवेदिका ने फिर से शिकायत दर्ज करायी। मौके पर आयोग की समझाईश पर अनावेदक पक्ष द्वारा दोबारा विवाद नहीं करते हुए आयोग के समक्ष माफी मांगा गया। अन्य प्रकरण में आवेदिका द्वारा अनावेदकगण के विरूद्ध संपत्ति विवाद का मामला न्यायालय में दर्ज कराया है। अनावेदकगण द्वारा आवेदिका के विरूद्ध सोशल मीडिया पर सार्वजनिक तौर पर व्यक्तिगत टिप्पणी किया गया है। अनावेदकगण का सितम्बर 2023 तक आवेदिका के घर आना-जाना था, परंतु आवेदिका द्वारा संपत्ति विवाद की शिकायत लगातार अनावेदक पक्ष पर किया जा रहा है। आयोग द्वारा दस्तावेज देखने के उपरांत मामला राजस्व न्यायालय व हाई कोर्ट में होने के उपरांत आयोग द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया गया और सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी पर साईबर सेल में शिकायत करने की सलाह देते हुए प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

इसी तरह अन्य प्रकरण में आयोग की समझाईश पर आपसी राजीनामा से तलाक लेने के पूर्व एक मुश्त भरण-पोषण पर चर्चा की गई और तलाक लेने की बात कही गई। जिसके पश्चात प्रकरण आयोग में स्थानांतरण किया गया। इसी तरह कुछ अन्य प्रकरणों पर उभयपक्ष की अनुपस्थिति एवं आयोग की समझाईश पश्चात राजीनामा होने पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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