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बर्रा में बिना अनुमति कोल ब्लॉक सर्वे का कार्य बंद कराने महिलाओं ने संभाली कमान…

करुणा और ओज के कवि दुष्यंत कुमार के कविता …

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,

इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए|

आज यह दीवार,परदों की तरह हिलने लगी,

शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।

हर सड़क पर,हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,

हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,

सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,

हो कहीं भी आग,लेकिन आग जलनी चाहिए।

बरगढ़ खोला क्षेत्र में रिमझिम फुहारों के मध्य धीरे-धीरे ज्वाला धधकने लगा है सत्ता और शासन-प्रशासन से क्षेत्र के महिलाओं का भरोसा टूटते चला जा रहा है।

यह बातें हम नहीं,न ही हमारी टीम कह रहा है,

जिस तहर से कानून को अपने हाथों में लें आन्दोलन की कमान संभाली चली जा रही कुछ दिनों पूर्व सर्वेक्षण कार्य में लगे कामगारों को गांव से खदेड़ने का अल्टीमेटम दे दिए जाने की बातें क्षेत्र में चर्चा बिषय फिर आज…

अपने परिवार के हितों के लिए सामने आएं महिलाएं

खरसिया विकास खण्ड के बरगढ़ खोला के बर्रा में भूमि स्वामी के बिना अनुमति के चल रहे कोल ब्लॉक सर्वे कार्य को लेकर विवाद ने तूल पकड़ लिया है। ग्राम पंचायत बर्रा की जनप्रतिनिधि,महिलाओं के साथ सर्वे स्थल पर पहुंचकर भूमि स्वामी के बिना अनुमति किए जा रहे सर्वे कार्य को तुरंत बंद करने कहें। 

महिलाओं का कहना है कि भूमि स्वामी,ग्राम पंचायत और ग्रामवासियों की अनुमति के बिना किए जा रहे सर्वे कार्य से ग्राम के पर्यावरण और आजीविका पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने प्रशासन से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, ताकि ग्रामवासियों के हितों की रक्षा हो सके।

वायरल हुआ कार्यालयीन पत्र को हमारी टीम सत्यापित नहीं करता …

वहीं दूसरी ओर,कोल ब्लॉक के कामगारों का कहना है कि वे यह कार्य विधिवत अनुमति के उपरांत कर रहे हैं।

वायरल हुआ कार्यालयीन पत्र को हमारी टीम सत्यापित नहीं करता …

उनका दावा है कि सर्वे कार्य के लिए शासन-प्रशासन से आवश्यक मंजूरी प्राप्त की जा चुकी है और वे सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं। 

इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच लगातार रस्साकशी जारी है, जिससे स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है। स्थानीय प्रशासन भी इस मुद्दे पर अपनी नजर बनाए हुए है और मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के प्रयास कर रहा है।

अधिकारियों की जांच और समाधान की प्रतीक्षा

ग्राम के महिलाओं और कोल ब्लॉक के जिम्मेदारों के बीच विवाद की स्थिति को देखते हुए जिम्मेदारो द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है आखिर भूमि स्वामी कौन है? फिलहाल, ग्रामवासियों में कोल ब्लॉक के भूमि स्वामी से बग़ैर अनुमति के खनन मुद्दे को लेकर असंतोष व्याप्त है और सभी की निगाहें विभाग की अगली कार्यवाही पर टिकी हुई हैं।

निष्कर्ष:

कोल ब्लॉक बर्रा के प्रभावित रहवासी अपने अधिकारों के लिए कानून की शरण लेना चाहिए,मौजूद समस्याओं का समाधान ढूंढना अत्यावश्यक है। प्रशासन और सामाजिक संगठनों को इस दिशा में आगे बढ़कर बरगढ़ खोलावासीयों की मदद करनी चाहिए ताकि वे कानूनी अधिकारों का उपयोग कर सकें और न्याय प्राप्त कर सकें।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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