34 हजार लीटर डीजल टैंकर सहित राजसात,विस्फोटक लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही जारी
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने की बड़ी कार्यवाही
रायगढ़। प्रदेश के बाहर से डीजल परिवहन आयात कर अवैध भंडारण के मामले में कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने बड़ी कार्यवाही की है। उन्होंने कलिंगा कमर्शियल कार्पों लिमिटेड के द्वारा अवैध रूप से भंडारित किए गए 34 हजार लीटर डीजल को टैंकर सहित राजसात करने के साथ कंपनी को जारी विस्फोटक लाइसेंस निरस्त करने विस्फोटक नियंत्रक रायपुर को लिखा है।
छाल से घरघोड़ा मार्ग में वाहन टैंकर में अवैध रूप से डीजल का परिवहन करते हुए पाये जाने पर खाद्य विभागए रायगढ़ के संयुक्त जांच दल द्वारा कार्यवाही की गई।
जिसमें उक्त टैंकर में 34 हजार लीटर डीजल भरा हुआ पाया गया, जो कि कलिंगा कमर्शियल कार्पों लिमिटेड के द्वारा प्रदेश के बाहर से आयात किया जा रहा था। प्रकरण में कलिंगा कमर्शियल कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा पेट्रोलियम नियम 2002 के उल्लंघन किया जाना प्रमाणित होने के कारण कलेक्टर न्यायालय द्वारा प्रकरण में जप्त डीजलमय वाहन को राजसात किए जाने का आदेश पारित करते हुए कंपनी को जारी विस्फोटक अनुज्ञप्ति को निरस्त किए जाने हेतु विस्फोटक नियंत्रक रायपुर को कार्यवाही हेतु लिखा गया है।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कलिंगा कमर्शियल कार्पों लिमिटेड के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि फर्म कोयला खनन, कोयला लोड अनलोड, परिवहन सहित अन्य कार्यों के लिए संबंधित परिसर में अपने वाहनों एवं मशीनरी के लिए उक्त डीजल का आयात किया जा रहा था। कंपनी के पास इंडियन ऑयल कार्पोरेशन से अनुबंधित कंज्यूमर पम्प का भण्डारण लायसेंस है,जबकि जांच में उक्त कंपनी द्वारा कंज्यूमर पम्प के भूमिगत टैंक के अतिरिक्त वाहनों जिसमें रिफ्यूलर टैंक भी शामिल है। (जांच में रिफ्यूलर टैंक का विस्फोटक लाईसेंस प्रस्तुत नहीं किया गया)का उपयोग भण्डारण के लिए किया जाना पाया गया।
इसी प्रकार कंपनी द्वारा रिलायंस, एचपीसीएल से ऑयल क्रय किया जाना पाया गया जबकि कंपनी को जारी एनओसी में केवल आईओसीएल से अनुबंध का उल्लेख है, जो पेट्रोलियम नियम 2002 के तहत उसे प्रदाय लाईसेंस की शर्तो का उल्लंघन है। 27 जुलाई 2024 को एचपीसीएल मुगलसराय डिपो से 29 हजार लीटर डीजल (एचएसडी)लाया जाना पाया गया।
उक्त तथ्यों के आधार पर जांच दल लोडमय डीजल टैंकर जप्त कर मेसर्स कलिंगा कमर्शियल कार्पोरेशन लिमिटेड के विरूद्ध प्रकरण निर्मित कर न्यायालय कलेक्टर में प्रस्तुत किया गया।