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उड़ न सकने वाले चार में से तीन पक्षी हो गए पृथ्वी से विलुप्त

मानव ने पृथ्वी पर आने के बाद न उड़ने वाले हर चार में से तीन परिंदों का खात्मा कर दिया। लंदन विश्वविद्यालय के जैव विविधता व पर्यावरण शोध केंद्र और स्वीडन के गठन वर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने यह दावा करते हुए ऐसे 581 प्रजातियों के परिंदों की सूची तैयार की है जो हमसे पहले पृथ्वी पर रहते थे।

कभी होती थीं 226 प्रजातियां, आज सिर्फ 60 रह गईं
इनमें से 226 उड़ नहीं सकते थे, आज इनमें से केवल 60 प्रजाति के पक्षी हमारे आसपास बची हैं। अध्ययन में शामिल डॉक्टर फैरन सेयोल के अनुसार, मानव ने दुनिया भर में सैकड़ों प्रजातियों का खात्मा किया है, उड़ान रहित परिंदों के खात्मे में उसकी भूमिका से इस पैटर्न को समझा जा सकता है। मानव पहले इन परिंदों के अनुकूल आवास खत्म करता है, नए विकसित उपकरणों में औजारों से इनका आसानी से शिकार करता है और फिर अपने साथ लाए जीवों जैसे चूहे, बिल्ली, कुत्ते और आदि से भी उन्हें का खत्म करता है।
अध्ययन के सह अध्ययनकर्ता प्रो. टिम ब्लैकबर्न के अनुसार, उड़ने की क्षमता न होने पर भी इन पक्षियों के कुदरती शिकारी कम थे। वे या आकार में बेहद बड़े होते थे। जैसे शुतुरमुर्ग या फिर द्वीपों पर रहते थे, जैसे मेडागास्कर में खत्म हो चुका डोडो। यहां बड़े शिकारी जानवर नहीं होते। इसी वजह से उन्हें उड़ने की जरूरत नहीं होती।

निष्कर्ष: सभी पक्षियों में सबसे पहले हो जाएंगे खत्म
शोधकर्ताओं के मुताबिक, आने वाले समय में पृथ्वी से पक्षियों की तादाद तेजी से घटेगी इनमें से न उड़ सकने वाले पक्षी सबसे पहले विलुप्त होंगे। वे हवाई द्वीप समूह का उदाहरण देते हैं जहां 3323 प्रजातियां थी लेकिन आज एक भी नहीं बचीं। बाकी जगह भी केवल पेंग्विन, शुतुरमुर्ग और रेल प्रजातियों के पक्षी ही नजर आते हैं। इनकी कुल 60 प्रजातियां हैं जो 12 परिवारों से संबंधित है। मानव आने के पहले इनके 40 परिवार थे।

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