दिव्य बाल कथाकार विष्णुप्रिया अवि जी (अनुधा चौबे) भागवत जी, श्रीराम चरित्र को युवाओं और बच्चों के बीच नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
विष्णुप्रिया अवि जी एक अद्भुत प्रतिभाशाली बाल व्यास हैं। 5 साल की उम्र में जिस पर ठाकुर जी की कृपा हुई थी। शुरुआती दिनों में, वह कहानियों के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को हमारे धर्म और संस्कृति से जोड़ने के लिए उत्सुक हैं। “जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए धैर्य,स्थिरता और एक शांतिपूर्ण मानसिक स्थिति आवश्यक है” विष्णुप्रिया अवि जी के प्रवचन का प्राथमिक फोकस उन लोगों के बीच विश्वास और सकारात्मकता प्रदान करना है जिन्हें अपने आप में और अपने आसपास की दुनिया में आत्मविश्वास की कमी है। उसका उद्देश्य लोगों को उनके जीवन में सही रास्ता चुनने में मदद करना है। उनकी सफलता का मंत्र जनता को एक निपुण और अधिक महत्वपूर्ण,एक शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करने में है।
जब-जब भी धरती पर आसुरी शक्ति हावी हुईं, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रुप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। यह बात चपले में चल रही नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाते हुए।
विष्णुप्रिया अवि जी ने श्रद्धालुओं के बीच कही। कथा नंदेली रोड पर स्थित श्रीमती षष्ठी गेंद लाल श्रीवास चपले वाले के मंडी परिसर में आयोजित की जा रही है। भागवत के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए बाल व्यास ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन किया। रामभजन पटेल ने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनन तभी सार्थक होगा। जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें।
उन्होंने रामकथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने धरती को राक्षसों से मुक्त करने के लिए अवतार धारण किया। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। मौजूद श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जैजैकार के साथ झूमकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। कथा सुनने नगर सहित आसपास गांव से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।