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मंत्री का पद छोड़ने के कुछ घंटों बाद हिमाचल के 06 बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह के बेटे का यू-टर्न…

कांग्रेस की अंदरूनी कलह से जूझ रही हिमाचल प्रदेश इकाई में शांति के संकेत देते हुए राज्य मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद ही इसे वापस ले लिया है।

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस कमजोर पड़ती जा रही है। क्योंकि कांग्रेस के दिग्गज दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे है। कांग्रेस की अंदरूनी कलह से जूझ रही हिमाचल प्रदेश इकाई में शांति के संकेत देते हुए, राज्य मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद ही इसे वापस ले लिया है। बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी,जिससे पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा।

सुबह की थी इस्तीफे की घोषणा

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के अस्तित्व पर संभावित खतरे के बीच विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार सुबह लोक निर्माण मंत्री के पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। मंत्री ने सीएम सुक्खू पर विधायकों के प्रति लापरवाही बरतने और उनके दिवंगत पिता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अनादर करने का आरोप लगाया था।

पार्टी आलाकमान से मिलेगा संदेश

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मैंने उन पर्यवेक्षकों से बात की है जो पार्टी आलाकमान द्वारा भेजे गए थे। संगठन एक व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण है। ध्यान रखते हुए संगठन को मजबूत बनाना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। पार्टी के व्यापक हित और पार्टी की एकता में मैं अपने इस्तीफे पर जोर नहीं दूंगा जिसे मुख्यमंत्री ने आज पहले ही अस्वीकार कर दिया था।

कांग्रेस पर कोई संकट नहीं

पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या अब सरकार के लिए खतरा खत्म हो गया है। इस पर मंत्री ने कहा कि शुरुआत में कोई संकट नहीं था। अगर लोग मिलकर काम करें और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं तो हर चीज का समाधान पाया जा सकता है। हम यहां राज्य के लोगों की सेवा करने के लिए हैं और शासन करना ऐसा करने का तरीका है। सरकार को मजबूत करना और ऐसा करके लोगों की सेवा करना हर किसी की जिम्मेदारी है।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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