राज्य शासन ने पट्टे की भूमि को फ्री होल्ड कराने भू-स्वामी बनने का दिया सुनहरा मौका
राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक संपन्न
रायगढ़ । कलेक्टर भीम सिंह ने आज कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र के गोठानों की व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण करें और गोबर खरीदी से लेकर किसी प्रकार की अनियमितता पायी जाती है तो जांच कर कार्यवाही करें। उन्होंने ऐसे प्रकरणों की भी जांच करने के निर्देश दिये जहां एक ही व्यक्ति या एक ही परिवार के कई सदस्यों द्वारा अधिक मात्रा में गोबर बिक्री की गई है ऐसे संदेहास्पद प्रकरणों की भी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने धान खरीदी केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें पूर्ण करने के भी निर्देश दिये और फूड अधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में बारदाना संग्रहण करने को कहा जिन पीएसएस दुकानों को बारदाना नहीं उपलब्ध कराने के कारण निलंबित किया गया है वे समय पर बारदाना उपलब्ध नहीं कराते है तो उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये।
कलेक्टर सिंह ने शहरी क्षेत्रों में खाली पड़ी शासकीय जमीनों का शासन के निर्देशों का पालन करते हुये नीलामी करने के निर्देश दिये और जिन शासकीय जमीनों पर लोग कब्जा कर निवास कर रहे है उन्हें शासन की योजना के अनुसार निर्धारित राशि जमा कराने का नोटिस देेने और यदि कब्जाधारी व्यक्ति राशि जमा करने को सहमत नहीं है तो शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त करने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा बहुत महत्वपूर्ण योजना लागू की गई है जिसके तहत 1984 में जारी पट्टों का नवीनीकरण तथा न्यूनतम राशि जमा कर भू-भाग को फ्री होल्ड कराके संबंधित व्यक्ति भू-स्वामी बन सकता है। यहां तक कि 1984 में जिनके नाम पट्टा जारी किया गया है वह व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्य निवास नहीं कर रहे है तो जो भी व्यक्ति वहां निवासरत है उसी के नाम पर पट्टा नवीनीकृत किया जायेगा। उन्होंने 7500 वर्गफीट से अधिक भू-भाग को नये नियमों के अनुसार नीलामी की कार्यवाही करने और राज्य शासन से अनुमोदन के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये।
कलेक्टर सिंह ने रायगढ़ सहित विभिन्न क्षेत्रों से नगर निवेश विभाग को भेजे गये डायवर्सन प्रस्तावों को शीघ्र निराकृत करने के लिये नगर निवेश अधिकारी को बैठक में बुलाकर निर्देशित किया। कलेक्टर सिंह ने राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की समीक्षा करते हुये कहा कि ऐसे प्रकरण जहां एक वर्ष से अधिक समय से लंबित है उनके लंबित होने का कारण सहित जानकारी प्रस्तुत करें और प्रत्येक राजस्व अधिकारी अपने न्यायालय के सुनवाई का दिन और समय निर्धारित करें और उसी के अनुसार सुनवाई करें जिससे दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों और वकीलों का समय न व्यर्थ हो, उन्होंने राजस्व अधिकारियों को अपने न्यायालय की गरिमा बनाये रखने के निर्देश दिये जिससे आमजनों का विश्वास बढ़ सके। कलेक्टर सिंह ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में आने वाले ज्यादातर प्रकरण सीमांकन, बंटवारा तथा नामांकन के होते है इनकी जांच कर त्वरित निटपारा किया जा सकता है।
बैठक के दौरान एडीएम राजेन्द्र कटारा, सहायक कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा सहित सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार एवं कृषि तथा फूड विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। धरमजयगढ़ एसडीएम संबित मिश्रा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़़े रहे।