राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि नहीं कर सकेंगे सार्वजनिक उपक्रम का उपयोग
राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि नहीं कर सकेंगे सार्वजनिक उपक्रम का उपयोग
दुर्ग।भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के द्वारा विधानसभा निर्वाचन-2023 के अंतर्गत आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो चुकी है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के आदेशानुसार निर्वाचन घोषणा होने की तिथि 9 अक्टूबर 2023 से निर्वाचन समाप्ति की तिथि के मध्य कोई भी राजनैतिक दल के व्यक्ति, मंत्रीगण, सार्वजनिक उपक्रमांे के पदाधिकारी आदि शासकीय अथवा अर्धशासकीय विश्राम भवनों, सर्किट हाउस गैस्ट हाउस आदि में चुनाव प्रचार-प्रसार अथवा राजनैतिक उद्देश्य से नहीं ठहर सकेंगे। न ही वहां पर राजनैतिक गतिविधियां कर सकेंगे। पात्रता अनुसार उपलब्ध होने पर उन्हें इन विश्राम भवनों, सर्किट हाउस, गैस्ट हाउस आदि में कक्ष उपलब्ध कराया जा सकेगा, किन्तु भोजन इत्यादि की व्यवस्था नहीं की जाएगी। इसके अतिरिक्त पात्रता अनुसार ठहरने वाले व्यक्ति से निर्धारित राशि जमा कराकर विधिवत् रसीद दी जाएगी।
टेलीफोन हेतु अलग से रजिस्टर रख कर तथा किए गए काल का निर्धारित राशि तत्काल प्राप्त की जाएगी। किसी प्रकार की राजनैतिक बैठक अथवा विचार, नाम, पता, ठहरने का प्रयोजन, मोबाईल नंबर, ली गई राशि इत्यादि का समस्त ब्यौरा अंकित किया जाएगा। जब कभी भी प्रेक्षक या निर्वाचन आयोग के पदाधिकारी उपरोक्त अभिलेखों की मांग करेंगे तो उन्हें अवलोकन हेतु अभिलेख उपलब्ध कराया जाएगा। इन भवनों का आरक्षण जिला मुख्यालय में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी तथा अनुविभागीय मुख्यालय स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा किया जाएगा। कक्षों का आरक्षण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। जिसमें निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं उनके कार्यालय के अधिकारी तथा निर्वाचन कार्य से संबंधित अन्य अधिकारी के आधार पर किया जाएगा। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारीगण, प्रेक्षक आदि के लिए सदैव कक्ष आरक्षित रखा जाएगा। इसके उपरान्त कक्ष उपलब्ध होने की स्थिति में अन्य व्यक्तियों को नियमानुसार आबंटित किया जाएगा। यह प्रतिबंध निर्वाचन प्रक्रिया समाप्ति तक प्रभावशील रहेगा।