छत्तीसगढ़रायगढ़

सावधान : सैनिटाइजर लगाकर न जलाएं दीए व पटाखे

आपकी छोटी सी गलती एक बड़े हादसे में हो सकती है तब्दील

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और निगम आयुक्त की लोगों से अपील- सतर्क रहें और सुरक्षित रहें

रायगढ़ । रोशनी के पर्व दीपावली पर आतिशबाजी करने के दौरान छोटी-छोटी सावधानी बरत कर खुद को हादसों से बचाया जा सकता है। इसी के साथ जलने या पटाखा हाथ में फटने की स्थिति में जल्द प्राथमिक चिकित्सा का उपाय कर खुद को सुरक्षित कर सकते है। दीपावली पर पहले से अलर्ट होकर तैयारी करने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। कोरोना काल में दीपावली का पावन त्यौहार ढेरो खुशियां लेकर आया है। दीपावली के आनंद के जोश के साथ साथ हमें कुछ खास एहतियात भी बरतनी चाहिए, जिससे कि अक्सर हर साल होनेवाली कुछ दुर्घटना से बचा जा सके। दीपावली के समय ज्यादातर दुर्घटनायें लापरवाही और अज्ञानता की वजह से होती है। अगर हम ठीक से ध्यान दे और थोड़ी सावधानी बरतें तो कई दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।

बीते दो दिनों से सोशल मीडिया पर फटाके जलाने को लेकर कई मैसेज वायरल हो रहे हैं और इन संदेशों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य महकमा भी इन बातों को दरकिनार नहीं कर रहा है।

स्वास्थ्य विभाग ने बीती रात एक अपील जारी की है जिसमें कहा गया है कि सैनिटाइजर में अल्कोहल की मौजूदगी दिवाली पर पटाखे छुड़ाते समय आग पकड़ने का कारण बन सकती है। पटाखे छुड़ाते समय बच्चों के साथ रहे, उन्हें सेनिटाइजर ना लगाएं। यहां तक कि गलती से एक छोटी सी आग भी आजीवन समस्या हो सकती है। इसलिए सेनेटाइजर का उपयोग पटाखे फोड़ते समय सोच समझ कर करें।

बढ़ते प्रदूषण के कारण पहले से ही आतिशबाजी पर रोक लगाई गई है लेकिन इसके बावजूद पटाखों पर काबू पाना एक बड़ी चुनौती है। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। अगर पटाखे चला रहे हैं तो सैनिटाइजर का बिलकुल भी इस्तेमाल न करें क्योंकि यह उनके लिए बेहद घातक साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सैनिटाइजर ज्वलनशील होता है और पटाखे के संपर्क में आकर यह तबाही मचा सकता है।

कोरोना से बचाव के लिए लोग बार-बार सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह एक तरह से आदत में भी शामिल हो गया है। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल बेहतर है लेकिन पटाखे चलाने के दौरान इसका प्रयोग बड़े हादसे का कारण बन सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ पहले ही सलाह दे रहे हैं कि पटाखों को न जलाएं क्योंकि इनसे प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाएगा। अगर पटाखे चला रहे हैं तो सैनिटाइजर को दूर रखे तथा इसका इस्तेमाल हाथों पर न करें।


सेनेटाइजर लगे हाथों से पटाखों को भूलकर भी न छुएं : सीएमएचओ डॉ केसरी

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसएन केसरी कहते हैं कि ​कोरोना को देखते हुए वैसे तो इस बार पटाखों से घर-परिवार को दूर ही रखना है और यदि पटाखे जलाते ही हैं तो यह जरूर ध्यान रखें कि सेनेटाइजर लगे हाथों से कतई पटाखों को न छुएं क्योंकि सेनेटाइजर का अल्कोहल व अन्य केमिकल पटाखों के बारूद के संपर्क में आते ही उत्साह के रंग में भंग डाल सकता है । इसके अलावा पटाखों का धुंआ फेफड़ों को भी सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है । कोरोना वायरस भी फेफड़ों पर ही आक्रमण करता है, इसलिए फेफड़ों को सही-सलामत रखने के लिए जरूरी है कि इस बार पटाखों से दूर रहें।

इस दिवाली को सुरक्षित रूप से अपनों के साथ खुशी से मनाएं : आयुक्त
नगर निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय बताते हैं कि वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए पटाखों से दूरी बनाना ही बेहतर होगा। आप दूसरों को भी पटाखे नहीं खरीदने को लेकर जागरूक कर सकते हैं। पटाखों का जहरीला धुंआ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और आसमान में भी धुंध सा छा जाता है, इसलिए इस दिवाली को सुरक्षित रूप से अपनों के साथ खुशी से मनाएं।

 

ऐसे बरतें सावधानी
– बच्चों को अकेले पटाखे नहीं चलाने दें, अभिभावक या कोई बड़ा व्यक्ति साथ होना चाहिए,
– ज्यादा शोर करने वाले पटाखों से दूर रहें, तेज आवाज से कान के पर्दे फटने का रहता है डर
– आतिशबाजी करते हैं तो साथ में पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें ताकि शरीर के किसी हिस्से में चिगारी गिरती है तो तुरंत पानी डाल सकें।
– पटाखों से एलर्जी व सांस की बीमारी बढ़ सकती है।

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