रायगढ़। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शिक्षा और ट्राइबल डिपार्टमेंट की संयुक्त समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर सिन्हा ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दोनों विभाग बच्चों की शिक्षा से जुड़े हुए हैं। दोनों विभाग के अधिकारियों के जिम्मे बच्चों का भविष्य है। इसमें पूरे लगन और समर्पण के साथ काम होगा तभी सकारात्मक परिणाम दिखेंगे।
कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि स्कूलों में बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए अभी से पूरे विभाग को जुटना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की स्कूल में समय से उपस्थिति, तय समय तक स्कूल में रहना तथा निर्धारित टाईम-टेबल के अनुसार अपने पीरियड्स लेना है। इसमें कोताही पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि पूरे जिले में टीम बनाकर स्कूलों की सघन जांच करें। जो शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाया जाता है उस पर सख्त कार्यवाही करें। लगातार अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट मंगवाये और उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करें। कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य के मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
कलेक्टर सिन्हा ने छात्रावासों के संचालन पर ट्राईबल विभाग के अधिकारियों से छात्रावास के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने हॉस्टल में चल रहे निर्माण कार्यों के प्रगति की भी समीक्षा की। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि छात्रावासों में बच्चों को सुविधाजनक माहौल मिलना चाहिए। उन्होंने बच्चों के खान-पान को लेकर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए कहा। कलेक्टर सिन्हा ने जिले के एकलव्य विद्यालयों के संचालन की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन विषयों में परिणाम अच्छे नहीं है, उन पर खास ध्यान दिया जाए। छात्रावासों को लेकर कही कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। कलेक्टर श्री सिन्हा ने निर्माण कार्यों को भी जल्द पूर्ण करने के लिए कहा।
इस दौरान डिप्टी कलेक्टर श्रीमती रेखा चन्द्रा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री बी.बाखला, सहायक आयुक्त ट्राईबल श्री बी.के.राजपूत, सहायक संचालक शिक्षा श्री के.के.स्वर्णकार, डीएमसी श्री नरेन्द्र चौधरी सहित शिक्षा तथा ट्राईबल विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
बीईओ करेंगे मितान केन्द्रों की मॉनिटरिंग
कलेक्टर सिन्हा ने मितान केन्द्रों के संचालन पर भी बात की। उन्होंने सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में चल रहे मितान केन्द्रों में जरूरी किताबें व सुविधाओं को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि मितान केन्द्रों का प्राथमिक उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों को एक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना है। इसके लिए वहां किताबें, मासिक पत्रिकाएं व अखबार अवश्य उपलब्ध हो। इसके साथ ही इंडोर गेम्स व इंटरनेट की व्यवस्था भी होनी चाहिए। प्रतियोगी परीक्षा के लिए शिक्षकों तथा अन्य एक्सपर्ट्स के द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। कलेक्टर सिन्हा ने सभी मितान केन्द्रों व जिला लाईब्रेरी के व्यवस्थित संचालन के लिए एक जिला स्तरीय नोडल नियुक्त करने के निर्देश दिए तथा सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को उनके ब्लॉक के मितान केन्द्रों की मॉनिटरिंग करने के लिए कहा।
शेड्यूल बनाकर हॉस्टल में करवाएं पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की करें व्यवस्था
कलेक्टर सिन्हा ने इसके साथ ही कहा कि बच्चों को छात्रावासों में पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रावास अधीक्षक बच्चों की पढ़ाई पर भी फोकस करें। स्कूल के बाद हॉस्टल में शेड्यूल बना के पढ़ाई करवाएं। जिससे बच्चों में रीडिंग हैबिट बनेगी। जो आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में काफी मददगार साबित होगी। उन्होंने ग्यारहवीं और बारहवीं के बच्चों को नीट, जेईई जैसे कंपटीशन एग्जाम की तैयारी करवाने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने वीडियो लेक्चर्स तैयार करवा कर हॉस्टल में दिखाने के लिए निर्देशित किया। साथ ही कोचिंग संस्थान से अनुबंध कर बच्चों की तैयारी करवाने के लिए कहा।
15 अगस्त तक शत-प्रतिशत स्कूली बच्चों के बनवायें जाति प्रमाण-पत्र
कलेक्टर सिन्हा ने स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र निर्माण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक शत-प्रतिशत स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र बनवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर सिन्हा ने बैठक के दौरान 2 अक्टूबर की तिथि में 18 वर्ष पूरा कर रहे छात्रों के नाम अनिवार्य रूप से मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए कहा। साथ ही स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाता जागरूकता के कार्यक्रम भी चलाने के निर्देश दिए।
बैगलेस डे पर करवायें रचनात्मक गतिविधि
कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे होता है। इस दिन बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़े। योग, व्यायाम, खेल-कूद के साथ-साथ कविता पाठ, क्विज जैसी अन्य साहित्य संबंधी गतिविधियां भी करवायें। जिससे बच्चों का रचनात्मक कौशल तथा लेखन बोध विकसित होगा, जिसके सकारात्मक परिणाम उनकी पढ़ाई में भी दिखेंगे।
छात्रावासों में बच्चों को मिले सुविधाजनक माहौल
कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि छात्रावास में पालक अपने बच्चों का दाखिला बेहतर भविष्य की उम्मीद लेकर करता है। शासन द्वारा संसाधनों की आपूर्ति के साथ शिष्यवृत्ति की राशि में बढ़ोत्तरी की गई है। जिसका पूरा लाभ बच्चों को मिलना चाहिए। कहीं कोताही या लापरवाही जैसी बात नही होनी चाहिए। बच्चों के खान पान और रहने की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्हें छात्रावासों में सुविधाजनक माहौल मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रावासों के निरीक्षण के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने महिला छात्रावासों का विशेष तौर पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान बच्चियों से व्यवस्थाओं को लेकर फीडबैक लें और कमियों को सुधारने के लिए कार्य करें।