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एस.ई.सी.एल.प्रबंधन पुनर्वास नीति और एमओयू के अनुसार 6 गांवों के प्रभावितों को नौकरी उपलब्ध करावें-कलेक्टर भीम सिंह

जनसुनवाई की प्रक्रिया 2 माह में होगी पूरी
एसडीएम धरमजयगढ़ और घरघोड़ा करेंगे 6 गांवों में आबादी क्षेत्र और मकानों के भू-अर्जन प्रकरणों की जांच
कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला पुनर्वास समिति की बैठक संपन्न

रायगढ़ । कलेक्टर भीम सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में जिला स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक संपन्न हुई। एस.ई.सी.एल. (साउथ इस्टर्न कोल लिमिटेड) के निदेशक, महाप्रबंधक तथा एस.ई.सी.एल. परियोजना से प्रभावित क्षेत्र छाल, लात, नवापारा, बांधापाली, खेदापाली और कुसुंदा ग्राम पंचायतों से आये ग्रामीण प्रतिनिधियों की उपस्थिति में भू-अर्जन के प्रकरणों में निजी भूमि तथा आबादी क्षेत्र के मुआवजा प्रकरण तथा प्रभावित परिवार के व्यक्तियों को नौकरी प्रदाय किये जाने के लंबित प्रकरणों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

 

कलेक्टर सिंह ने एस.ई.सी.एल. प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित की गई आबादी भूमि के चिन्हांकन और वास्तविक भूमि मालिकों और रहवासियों की पहचान हेतु एसडीएम धरमजयगढ़ संबित मिश्रा और एसडीएम घरघोड़ा अशोक कुमार मार्बल को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी सौंपते हुये शीघ्र वास्तविक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को एसडीएम के समक्ष अपनी शिकायतें तथा दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा। इन आबादी क्षेत्रों की पहचान और छानबीन में एस.ई.सी.एल. प्रबंधन आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा।

एसडीएम धरमजयगढ़ और घरघोड़ा द्वारा पुनर्वास नियमों तथा एममओयू के अनुसार जिन प्रभावितों को नौकरी प्रदान की गई है उनके अतिरिक्त भू-अर्जन की जमीन में अन्य खातेदारों के परिवार से नौकरी की पात्रता की भी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। कलेक्टर सिंह द्वारा एस.ई.सी.एल. प्रबंधन के अधिकारियों के आग्रह पर प्रभावित क्षेत्रों में 2 माह के भीतर जनसुनवाई कराये जाने का निर्णय लिया गया।

कलेक्टर सिंह ने एस.ई.सी.एल.प्रबंधन को निर्देशित किया कि भू-अर्जन से प्रभावित परिवारों को नौकरी प्रदान करें और 5-6 साल बीत जाने पर भी अभी तक मुआवजा वितरण नहीं होना गंभीर विषय है और जिन व्यक्तियों के सिंचित जमीन को असिंचित मानकर मुआवजा निर्धारित किया गया है उसे एसडीएम और तहसील कार्यालय के सत्यापन के बाद सिंचित भूमि का मुआवजा निर्धारित कर भुगतान दिसम्बर 2020 तक किया जाये।

कलेक्टर सिंह ने प्रबंधन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि भू-अर्जन से प्रभावित ग्रामीणों को नौकरी देने की समय-सीमा तय करें। 5-6 वर्ष पहले भूमि अधिग्रहण के बाद अब तक नौकरी नहीं प्रदान किया गया है। अब नये नियमों में किये गये प्रावधान के अनुसार नौकरी मिलने में देरी होती है तो प्रभावित व्यक्तियों को न्यूनतम मानदेय प्रतिमाह प्रदान किया जाये। उन्होंने 6 गांवों के प्रभावित परिवार के सदस्यों के लिये प्रबंधन द्वारा स्वीकार किये गये प्रस्ताव के अनुसार 415 युवाओं को दी जाने वाली नौकरी की प्रक्रिया आगामी दो माह में पूर्ण करने को कहा ताकि नये प्रोजेक्ट की पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त होते ही उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जा सकेगा।

कलेक्टर सिंह ने 6 गांवों के प्रभावित ग्रामीणों और युवाओं को आश्वस्त किया कि वे धीरज रखें सभी व्यक्तियों के प्रकरणों में पूरी सुनवाई होगी और ऐसे युवा जो नौकरी के पात्र है वे अपने समस्त वास्तविक अभिलेख के साथ एसडीएम धरमजयगढ़ और घरघोड़ा से संपर्क कर सकते है।

बैठक में एस.ई.सी.एल.प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि शासन के निर्देशों का पालन किया जायेगा, उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नये नियमों के अनुसार भू-अर्जन से प्रभावित व्यक्ति 150 रुपये प्रति डिसमिल की दर से प्रतिमाह राशि आजीवन प्राप्त कर सकते है उन्हें इसका विकल्प प्रस्तुत करना होगा। बैठक में अपर कलेक्टर आर.ए.कुरूवंशी, एडीएम धरमयगढ़ संबित मिश्रा, एसडीएम घरघोड़ा मार्बल और उद्योग एवं खनिज विभाग के अधिकारियों सहित प्रभावित 6 गांवों के युवा और ग्रामीण उपस्थित थे।

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