आज विश्व मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से होती है । बरसात या वातावरण में नमी के कारण मलेरिया के मच्छर पनपने लगते हैं और बीमारी का प्रसार होता है। मलेरिया की गंभीर स्थिति बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती है। मलेरिया के कुछ सामान्य लक्षण हैं, जैसे- बुखार, सिर दर्द, उल्टी आना, ठंड लगना, थकान होना, चक्कर आना और पेट में दर्द होना। आमतौर पर मलेरिया के इलाज में करीब दो सप्ताह तक दवाइयाँ लेनी होती हैं। वहीं बीमारी को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। हर साल भारत में मलेरिया के हजारों मामले सामने आते हैं और कई रोगियों की तो मलेरिया से जान चली जाती है । मलेरिया की गंभीरता और इसे बचने के लिए जागरूक करने के विश्व स्तर पर मलेरिया दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं मलेरिया दिवस मनाने की शुरुआत कब से और कहां से हुई।
कब मनाते हैं मलेरिया दिवस?
दुनिया भर में विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 2007 से की गई थी।
मलेरिया दिवस का इतिहास?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2007 में मलेरिया दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने का फैसला किया था । पहली बार अफ्रीकी देशों में मलेरिया दिवस मनाया गया। उस समय अफ्रीकी देशों में होने वाली मौतों की एक वजह मलेरिया था और इन मौतों के आंकड़ों को कम करने के उद्देश्य से विश्व मलेरिया दिवस मनाये जाने की शुरुआत हुई ।
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मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य
अफ्रीकी स्तर पर मलेरिया दिवस के आयोजन कके मद्देनजर वर्ष 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बैठक में इस दिन को मनाने की घोषणा की, ताकि लोगों का ध्यान इस खतरनाक बीमारी के ओर जाए और हर साल मलेरिया के कारण होने वाली लाखों मौतों को रोका जा सके। साथ ही लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक किया जा सके।
मलेरिया दिवस की थीम
प्रतिवर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन मलेरिया दिवस की एक खास थीम पर ही कार्यक्रम करता है। इस वर्ष मलेरिया दिवस 2023 की थीम ‘Ready To Combat Malaria’ है, यानी मलेरिया से लड़ने के लिए तैयार रहें। इस थीम का उद्देश्य लोगों को मलेरिया से निपटने के लिए तैयार होने के लिए जागरूक करना है ।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चपले हाॅस्पिटल विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन किया गया…
राज्य शासन से प्राप्त निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष के भांति इस वर्ष 2023 को भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ मधुलिका सिंह ठाकुर के निर्देशन तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अभिषेक पटेल के मार्गदर्शन में 25 अप्रैल 2023 को विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन किया गया जिसके तारतम्य में, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चपले, में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें डाॅ. अभिषेक पटेल ने विभाग के समस्त कर्मचारीयों एवं आम जन को मलेरिया से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया साथ ही मलेरिया कार्यक्रम की रूपरेखा सन् 1953 से लेकर राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम 2004 से अब तक की मलेरिया उन्मूलन में किये गये कार्यों का विवरण बताया गया, जिससे मलेरिया को नियंत्रण किया जा सके। विकासखण्ड के समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं को विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर बैनर, पोस्टर, एवं अन्य संदेश के माध्यम से निचले स्तर पर प्रचार-प्रसार करते हुए विश्व मलेरिया दिवस मनाने का आग्रह किया गया है। जिसके साथ ही खरसिया के शहरी क्षेत्र एवं स्वास्थ्य संस्था में विश्व मलेरिया दिवस के उपलक्ष्य में वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विकासखण्ड खरसिया में विगत वर्षो के आकड़ो को मद्देनजर रखा जाए तो मलेरिया प्रकरणों में वृहद कमी देखने को मिली है, साथ ही खरसिया क्षेत्र में विगत पाँच वर्षों से मलेरिया के केश में कमी पायी गई। जिन क्षेत्रों में विगत वर्षाें में मलेरिया के प्रकरण पाये गये है उन्हें चिन्हांकित कर शासन से प्राप्त निर्देशानुसार फालोअॅप करते हुए कार्यक्रम की निगरानी की जा रही है। और उन क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार के साथ साथ घरों में पाये जाने वाले मच्छरदानियों को डेल्टामेथ्रिन लिक्विड दवा द्वारा उपचारित कर प्रयोग में लाने हेेतु आम जनता को प्ररित किया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थाओं के सभी ग्रामों में मलेरिया प्रचार हेतु नारा लेखन हेतु भी निर्देश दिये गये है। डाॅ अभिषेक पटेल ने बताया की सत्त प्रयास करते रहने से एवं जनमानस के सहयोग से बहुत जल्द ही पूरे विकासखण्ड खरसिया को मलेरिया मुक्त विकासखण्ड के रूप में घोषित कर सकेंगे। शासन की मंशा है कि छत्तीसगढ़ राज्य को वर्ष 2030 तक मलेरिया मुक्त राज्य के रूप में घोषित किया जा सके।