खरसिया। उड़ती खबर निकल कर आ रहा कि रायगढ़ जिले के खरसिया विकासखंड स्थित सोंडका स्कूल में शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए एक विवादित फैसले ने अभिभावकों और छात्रों के बीच हड़कंप मचा दिया है। स्कूल प्रशासन ने 10-12वीं कक्षा के चार छात्रों को अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए 10 दिनों के लिए स्कूल से बाहर कर दिया।
फैसले की पृष्ठभूमि
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मामला 10-12वीं कक्षा के चार छात्रों से जुड़ा है,एक मोटरसाइकिल में चारों का स्कूल आने को लेकर उपजे विवाद को स्कूल प्रबंधन युवकों का मोटरसाइकिल रख लिया गया स्कूल के छूट्टी उपरांत नहीं दिए जाने से दुःखी युवक स्कूल में रखें मोटरसाइकिल को स्कूल में लगे दो ताला तोड़कर स्कूल के सामानों को क्षतिग्रस्त करते हुए मोटरसाइकिल को लेकर चले जाना से प्रबंधन की भृकुटी तन गई आखिर उनके फरमान को नहीं माने और ताला भी जो तोड़ दिए,जिस पर स्कूल प्रशासन ने अनुशासनहीन व्यवहार और स्कूल नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। छात्रों के अनुचित व्यवहार से स्कूल का माहौल प्रभावित हो रहा था,जिसके चलते यह कठोर कदम उठाया गया।
अभिभावकों और छात्रों…
छात्रों के अभिभावकों ने इस निर्णय “अन्यायपूर्ण” और “अतिरिक्त कठोर” बच्चों की गलतियों को सुधारने के लिए अन्य उपाय किए जा सकते थे। कुछ स्थानीय लोगों ने भी इसे शिक्षा विभाग का “तुगलकी फरमान” बताते है।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय स्कूल प्रशासन और समिति की संयुक्त सिफारिश पर लिया गया है। विभाग ने इसे अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम बताया।
स्थानीय स्तर पर बढ़ता तनाव
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर गहरी चर्चा छेड़ दी है। शिक्षा के अधिकार और बच्चों की भविष्य की चिंता के मुद्दे पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
आगे की राह
इस विवाद के बाद,शिक्षा विभाग और स्कूल पर दबाव बढ़ गया है। स्थानीय लोगों ने छात्रों को जल्द से जल्द स्कूल में वापस लिए जाएं छात्रों के परीक्षा प्रभावित न हो साथी ही साथ छात्रों के कृत्यों को उचित नहीं है ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो शिक्षा के मंदिर में यूं तोड़ फोड़ उचित नहीं…
सोंडका स्कूल का यह मामला शिक्षा व्यवस्था और अनुशासन के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत को उजागर करता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शिक्षा विभाग इस विवाद का समाधान कैसे करता है।