खरसिया

शिव परिवार से सीखें विभिन्नता में एकता के गुण:

शिव परिवार से सीखें विभिन्नता में एकता के गुण:

@पंडित कान्हा शास्त्री

शिव के परिवार में अद्भुत बात है। विभिन्नताओं में एकता और विषमताओं में संतुलन यह शिव परिवार से ही सीखा जा सकता है। शिव परिवार के हर व्यक्ति के वाहन या उनसे जुड़े प्राणियों को देखें तो सिंह – बैल एक घाट पानी पीने का दृश्य साफ दिखाई देगा।

शिवपुत्र कार्तिकेय का वाहन मयूर है, मगर शिवजी के तो आभूषण ही सर्प हैं। वैसे स्वभाव से मयूर और सर्प दुश्मन हैं। इधर गणपति का वाहन चूहा है, जबकि सांप मूषकभक्षी जीव है। पार्वती स्वयं शक्ति हैं, जगदम्बा हैं जिनका वाहन शेर है। मगर शिवजी का वाहन तो नंदी बैल है। बेचारे बैल की सिंह के आगे औकात क्या?

परंतु नहीं, इन दुश्मनियों और ऊंचे-नीचे स्तरों के बावजूद शिव का परिवार शांति के साथ कैलाश पर्वत पर प्रसन्नतापूर्वक समय बिताता है।

(खरसिया थाना प्रभारी सुम्मत राम साहु थाना परिसर के शिव मंदिर में पूजा अर्चना विधी विधान से…)

कहते हैं कि शिव-पार्वती चौपड़ भी खेलते हैं, भांग भी घोटते हैं। गणपति माता-पिता की परिक्रमा करने को विश्व-भ्रमण समकक्ष मानते हैं।

स्वभावों की विपरीतताओं,विसंगतियों और असहमतियों के बावजूद सब कुछ सुगम है, क्योंकि परिवार के मुखिया ने सारा विष तो अपने गले में थाम रखा है।

विसंगतियों के बीच संतुलन का बढ़िया उदाहरण है शिव का परिवार। जिस घर में शिव परिवार का चित्र लगा होता है वहां आपस में पारिवारिक एकता, प्रेम और सामजस्यता बनी रहता है….

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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