मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अब तक 19 हजार से अधिक हितग्राहियों के करीब 30 हजार एकड़ निजी भूमि वृक्षारोपण हेतु पंजीकृत
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ लागू किये जाने की घोषणा उपरान्त छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना की क्रियान्वयन की तैयारी में वन विभाग जुट गया है और तैयारियां जोरो पर है।
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में अब तक 19 हजार 653 हितग्राहियों के 30 हजार 142 एकड़ निजी भूमि में मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना अंतर्गत पंजीयन हो चुका है। इनमें सर्वाधिक जगदलपुर वनमंडल अंतर्गत 1 हजार 999 हितग्राहियों के 4 हजार 730 एकड़ भूमि में पंजीयन किया गया है। इसी तरह वनमंडलवार बलरामपुर में 2 हजार 358 हितग्राहियों के 2 हजार 119 एकड़, दंतेवाड़ा में 623 हितग्राहियों के 1 हजार 543 एकड़, सुकमा में 795 हितग्राहियों के 1 हजार 336 एकड़ तथा कोरिया में 746 हितग्राहियों के 1 हजार 189 एकड़ रकबा का पंजीयन हो चुका है। रायपुर में 10 हितग्राहियों के 16 एकड़ तथा अनुसंधान एवं विस्तार रायपुर अंतर्गत एक हितग्राहियों के 2 एकड़ रकबा में पंजीयन हो चुका है। इनके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी हितग्राहियों ने इस योजना के तहत पंजीयन कराया है।
12 प्रजाति के वृक्षों का 30 हजार एकड़ रकबे में होगा रोपण
इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजनांतर्गत राज्य में इस वर्ष 12 प्रकार के प्रजाति के वृक्ष का 30 हजार एकड़ रकबे में रोपण किया जाएगा। इनमें से क्लोनल यूकलिप्टस का 17 हजार 182 एकड़ में, रूटशूट टीक का 6 हजार 456 एकड़ में, टिश्यू कल्चर का 2 हजार 617 एकड़ में, चंदन का 1 हजार 462 एकड़ में, मेलिया दुबिया का 8 सौ 34 एकड़ में, सामान्य बांस का 7 सौ 37 एकड़ में, टिश्यू कल्चर बम्बू का 6 सौ 7 एकड़ में, रक्त चंदन का 1 सौ 26 एकड़ में, आमला का 43 एकड़ में, खमार का 40 एकड़ में, शीशम का 20 एकड़ में तथा महानीम का 20 एकड़ रकबे में लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी पात्र होंगे। इसके अलावा शासकीय, अर्धशासकीय तथा शासन के स्वायत्व संस्थान जो अपने स्वयं के भूमि पर रोपण करना चाहते हैं, पात्र होंगे। इसी तरह निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें, भूमि अनुबंध धारक, जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, वे पात्र होंगे। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है।