रायपुर। छत्तीसगढ़ में खेल गतिविधियों के विकास एवं खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए राज्य शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत विगत चार वर्षों के दौरान स्थापित विभिन्न खेल अकादमियों ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
अकादमी में तीरंदाजी, ताईक्वांडो और तैराकी के 10-10 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहाड़ी और दूरस्थ अंचल के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समूह के बच्चों के चयन को प्राथमिकता दी गई है। उल्लेखनीय है कि संस्थान में तीरंदाजी, ताइक्वांडो एवं तैराकी विधा शामिल हैं। जिसके अंतर्गत कुल 30 छात्रों का चयन हुआ है। खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशने के लिए अकादमियों में अच्छी खेल अधोसंरचनाओं के साथ-साथ अच्छे प्रशिक्षकों की तैनाती भी की गई है। इन दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों व वनांचलों के पहाड़ी कोरवा छात्रों को ओलंपिक, कॉमनवेल्थ एवं राष्ट्रीय खेल जैसे अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रतिस्पर्धाओं में अच्छे प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध खेल प्रशिक्षकों के माध्यम से भी प्रशिक्षण देने की पहल की जा रही है।
खेलों के विकास में उद्योगों से भी सहयोग
वर्ष 2019 के बाद से राज्य शासन द्वारा खेल-विभाग के माध्यम से खेल अकादमियों की स्थापना, अधोसंरचना तथा बेहतर सुविधाओं के विकास के लिए लगातार कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के अंतर्गत राज्य में उद्योग समूहों के माध्यम से भी कई खेल अकादमियां शुरू की जा रही हैं। जिंदल उद्योग समूह द्वारा रायपुर में शूटिंग अकादमी, बीएसपी द्वारा नारायणपुर में मलखम्ब अकादमी, गोपाल स्पंज एवं फिल इस्पात द्वारा बिलासपुर कबड्डी अकादमी तथा कोरबा में फुटबॉल, तैराकी, बास्केटबॉल, बालीबॉल की अकादमी का बाल्को के सहयोग से संचालन किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा खेल अकादमियों में शैक्षणिक व्यय, भोजन, आवास, खेल परिधान, आधुनिक प्रशिक्षण, बीमा, डाइट आदि की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।