अटल टनल से घबराया चीन, अब कर रहा है ये दुष्प्रचार
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसी ही शनिवार यानी 3 अक्टूबर को देश को समर्पित किया। पड़ोसी चीन को मिर्ची लग गई। चीन बौखला गया है। जानकारों के मुताबिक भारत के सीमाई इलाके में इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होते देखकर चीनी मीडिया भी बेचैन हो उठा है। हमेशा की तरह, चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अटल टनल को लेकर अपना प्रोपेगैंडा छापा है और भारत को धमकी देने की कोशिश की है।
साथ ही वह इस अभेद्य इस टनल के खिलाफ दुष्प्रचार करने लगा है। चीन के सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि यह ना तो दुनिया की सबसे लंबी सुरंग और न ही यह सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है। चीन ने युद्ध के हालात में यह सुरंग भारतीय सेना के लिए गेम चेंजर साबित होगा। इतना ही नहीं चीन ने अपने सरकारी अखबार भोंपू ग्लोबल टाइम्स के जरिए दुनिया के इस सबसे लंबे सुरंग की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया है।
https://twitter.com/globaltimesnews/status/1313864160615174146?s=20
ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में लिखा है कि भारत चीन के साथ सटी सीमा पर सड़कें, पुल और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है। चूंकि इलाका पहाड़ी क्षेत्र हैं और घनी आबादी वाला है इसलिए इस टनल का निर्माण सिर्फ सैन्य मकसद से किया गया है। अभी शांति का वक्त है और भारत को ये एहसास नहीं हो पा रहा है कि जंग छिड़ने पर अटल टनल काम नहीं आएगी। इस सुरंग के बनने से पूरा देश खुश है, लेकिन जहां तक भारतीय राजनेताओं की बात है, वे इसका इस्तेमाल सिर्फ दिखावे और अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। ये साफ तौर पर राजनीतिक प्रोपेगैंडा है।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक कोई भी सुरंग भारत की लड़ाकू क्षमता को नहीं बढ़ा सकती है। भारत और चीन की लड़ाकू क्षमता में निश्चित तौर पर बड़ा फर्क है, खासकर भारत की जंग करने की क्षमता बिल्कुल भी व्यवस्थित नहीं है। भारत चीन की क्षमता से अभी बहुत दूर है। अखबार ने भारत को संयम बरतने की सलाह देते हुए कहा है कि उसे किसी भी उकसावे वाली गतिविधि से बचना चाहिए।
आपको बता दें कि 9.02 किलोमीटर लंबे इस सुरंग को बनाने में भारत सरकार 3200 करोड़ की लागत आई है। ये सुरंग हिमाचल प्रदेश में मनाली और लाहौल स्फीति को जोड़ता है। यह सुरंग 3000 मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। यह टनल 10 सालों में बनकर तैयार हुई है।