कृष्ण गोपाल डनसेना @खरसिया।आज ग्राम कुनकुनी की पावन धरा में श्रद्धेय दिव्या आनंद तिवारी जी के मुखारविंद से श्री रामचरितमानस के स्वर्णिम पलों को संगीतमय वातावरण में पिरो कर मार्मिक भाव चित्रण के साथ श्री राम वन गमन का वर्णन किया जिसमें माता कैकई के द्वारा कैसे रातों-रात राम के राजा बनने के आनंद और स्वर्णिम पलों को राजा दशरथ से वरदान स्वरूप राम वन गमन के साथ ही प्रजा जनों के मन को उद्वेलित करने वाला प्रसंग से जोड़ते हुए बहुत ही मार्मिक एवं भाव भंगिमा के साथ सबको सराबोर किए। श्रीरामचरितमानस कथा सरिता सरोवर में सभी आगंतुक अतिथि भाव पूर्वक कथा में सामूहिक स्नान किए।
ग्राम कुनकुनी की पावन धरा में महाराज जी ने श्री राम के आदर्शों पर चलने एवं मर्यादा को कभी ना लांघने की विशेष बातों को जन-जन तक पहुंचाया। जिस प्रकार माता कैकई के ऐसे कठोर वचन को सुनकर भी प्रभु श्री राम तनिक भी विचलित नहीं हुए और उन्होंने सहर्ष ही वन गमन को स्वीकार किया। जहां प्रभु श्री राम के त्याग और तितिक्षा का एक अनुपम उदाहरण महाराज श्री ने प्रस्तुत किया। हम सभी को ठीक उसी प्रकार त्याग के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
आज महाराज श्री के मुखारविंद से कथा का रसपान पूर्णतः ग्राम कुनकुनी की पावन धरा को मार्मिक और अंतः करण से प्रभु श्री राम को प्रणाम कर रहा है। सभी श्रोताओं ने महाराज श्री के कथा की भूरी भूरी प्रशंसा की।
महाराज श्री ने सभी श्रोताओं से आग्रह किया कि प्रभु श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारे और उनके आदर्शो पर चलें। समस्त ग्रामवासी कुनकुनी आयोजक मंडल