कलेक्टर सिंह ने लोगों से की सहयोग की अपील
केस स्टडी से समझें यह क्यों जरूरी
रायगढ़ । कोरोना के प्रभावी रोकथाम के लिए पुरे प्रदेश में कोरोना सामुदायिक सघन सर्वे शुरू किया जा रहा है। 05 से 12 अक्टूबर तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पुरे जिले में अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे करेगी। कलेक्टर भीम ने जिले वासियों से अपील की है कि ऐसे व्यक्ति जिन्हें कोरोना के लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द, दस्त तथा उल्टी होना, सूंघने अथवा हस होना आदि है या किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर तथा किडनी रोग, टीबी, सिकलसेल, एड्स, उच्च रक्तचाप व डायबिटिज से ग्रसित व्यक्ति विशेषकर 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिला, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे अनिवार्य रूप से सर्वे टीम को अपनी जानकारी देकर जांच करवाएं तथा समय से उपचार प्राप्त करें। अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न दिखाएँ और लक्षणों को हलके में ना लें, क्योंकि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अभियान का उद्देश्य मरीजों की जल्दी पहचान कर उन्हें गंभीर स्थिति में जाने से पहले इलाज मुहैय्या कराना व संक्रमण को आगे फैलने से रोकना है। कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान में चिकित्सा विभाग के साथ संबंधित क्षेत्र की मितानिन, आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका पंचायत एवं ग्रामीण व नगरीय विकास के मैदानी अमले की संयुक्त टीम घर-घर जाकर लोगों का सर्वे करेगी।
यह क्यों है जरूरी, इसे समझे इस केस से
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार एक 65 वर्ष उम्र का मरीज जिसे पहले से ही उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की बीमारी थी उन्हें सर्दी, खांसी एवं बुखार की तकलीफ होने पर उनके परिवारजनों ने निजी आयुष चिकित्सक से उनका उपचार कराया। 2-3 दिनों में स्थिति में सुधार न होने पर शासकीय ऐलोपैथिक डॉक्टर को दिखाया उन्होंने खून और पेशाब की जांच करायी उन्होंने जांच के उपरांत कुछ अन्य दवाई भी दी तथा मरीज को कोविड-19 का टेस्ट कराने की सलाह दी, दूसरे दिन मरीज की स्थिति में सुधार होने पर मरीज के परिजनों के कोविड-19 हेतु टेस्ट नहीं कराया, 2 दिनों बाद स्थिति पुन: खराब होने पर उन्होंने पुन: डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने सीने का एक्स-रे जांच कराने की सलाह दी जिसमें सीने का एक्स-रे करने वाले डॉक्टर एक्स-रे देखकर कोविड-19 का टेस्ट कराने की सलाह दी, जिसके पश्चात परिजनों ने कोविड-19 टेस्ट कराया, जिसमें मरीज पॉजीटिव पाया गया। परिजन मरीज को उपचार के लिये उच्च संस्थान में ले गया जहां उसी दिन मरीज की मृत्यु हो गई।
सावधानी-अगर मरीज द्वारा प्रारंभिक लक्षण आने पर कोविड जांच करा लेने पर कोविड पहचान कर इलाज प्रारंभ होने पर मरीज की स्थिति गंभीर नहीं होता एवं जान बचाया जा सकता है।