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कार्तिक पूर्णिमा को लग रहा है चंद ग्रहण, इस राशि पर पड़ेगा सबसे बुरा असर

नई दिल्ली। इस साल का आखिरी चंद्रगहण  30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। ऐसे में पूर्णिमा के दिन लगने जा रहे इस ग्रहण को लेकर हर किसी के मन के कई सवाल हैं कि आखिर ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ेगा क्योंकि धार्मिक और ज्योतिषीय नजरिए से ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है।आज हम आपको इस चंद्रग्रहण के प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके जिंदगी पर पड़ेगें।

किस राशि पर पडे़गा असर
कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने जा रहे इस ग्रहण की बात करें तो ये चंद्रग्रहण वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगने जा रहा है। जिसके कारण इस प्रभाव सबसे ज्यादा वृष राशि के जातकों पर पड़ने वाला है। इसलिए इस राशि के जातकों को सावधानी बरतने की जरूरत है।

चंद्रग्रहण का वक्त
उपछाया से पहला स्पर्श- दोपहर 1 बजकर 04 मिनट पर
परमग्रास- चन्द्र ग्रहण दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर
उपछाया से अन्तिम स्पर्श- शाम 5 बजकर 22 मिनट पर

सूतक काल
ज्योतिषी की मानें तो इस बार चंद्र ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक मान्य नहीं होगा क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा की रात को लग रहा ये ग्रहण एक उपछाया चंद्रग्रहण है। आपको बता दें कि सामान्य ग्रहण में सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले लग जाता है।

क्या होता है ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक
हिंदू धर्म के लिए सूतक काल का खास महत्व है क्योंकि इस वक्त में हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। इसके साथ ही अगर कभी शिशु का जन्म सूतक काल में होता है तो उसके घर के सदस्यों को अपना कुछ वक्त सूतक काल में बिताना पड़ता है।

ग्रहण में बरते ये सावधानी

  • ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं बाहर न निकलें। और न ही ग्रहण देखें।
  • भगवान के नाम का जप करें। इस समय दान का विशेष महत्व है।
  • ग्रहण के समय मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं। घर के मंदिर के भी पर्दे गिरा दें। ग्रहण के पश्चात मंदिर की मूर्ति को गंगा जल से धोएं। स्नान इत्यादि करके अन्न का दान करें।
  • ग्रहण काल में कदापि मत सोएं। इस समय सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। जो लोग रोग से पीड़ित हैं वो महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
  • बालक, वृद्ध तथा रोगी आराम कर सकते हैं। ग्रहों के बीज मंत्र का जप इस समय बहुत प्रभावकारी होता है। अपनी राशि के स्वामी ग्रह के बीज मंत्र का जप अवश्य करें।

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