
छाल। छाल खुली खदान में चल रहे आंदोलन अब तूल पकड़ने लगा है। ज्ञात हो कि पिछले 13 दिनों से छाल खदान को स्थानीय निवासियों ने नौकरी की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। भू विस्थापितों को स्थायी नौकरी देने के मांग को लेकर धरना दे रहै हैं। आज 13 दिन से अधिक हो गए सरकार को करोड़ों का नुकसान हो गया है ना ही कोई जिम्मेदार इन्हें ध्यान दे रहा है और ना ही किसी प्रकार का कोई समाधान निकला,आंदोलन कारियों के ऊपर एफआईआर भी हो गया मगर न ही इनकी कोई राजनैतिक पार्टी सुध ले रही न ही कोई नेता,जो समर्थन में आएं वो खानापूर्ति कर के चले गए। सालों से अपने हक की लड़ाई के लिए दर-दर भटकने के बाद अंतिम रास्ता चुना आंदोलन का और वही एसईसीएल प्रबंधन ने अपनी नाकामी छुपाने एफआईआर का रास्ता अपनाया। वहीं आंदोलनकारियों ने भी लोहा लेते हुए आंदोलन पर डटे रहे और जेल जाने को तैयार हैं।
सोचने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले में स्थानीय स्थानीय जन प्रतिनिधी का रवैया दो तरफा नजर आ रहा एक तरफ सत्ता पक्ष के जन प्रतिनिधी आंदोलन के समर्थन में नजर आए और धरना प्रदर्शन स्थल आकर बात करना तक मुनासिब न समझा जिससे उनके कार्यकर्ताओ पर एफआईआर तक हो गया ।




