सम्मान करने दिया गया था निमंत्रण उन्हें बैठने तक को नही पूछा
अव्यवस्थाओं का आलम रहा सम्मान समारोह में
जिनका सम्मान करने दिया गया था निमंत्रण उन्हें बैठने तक को नही पूछा
सुनील अग्रवाल @खरसिया। जब से नगरीय निकायों के सीटों का फैसला हुआ है और खरसिया की सीट सामान्य महिला हुयो है तब से लगता है कि विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े रहने वाले रितेश श्रीवास्तव ने अब सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस के सहारे अपनी नैया पार लगाने की ठान ली है और येन केन प्रकरेण स्वयं को कट्टर कांग्रेसी सिद्ध करने की कवायद में लगे है। क्षेत्रीय विधायक और केबिनेट मंत्री उमेश पटेल के हर कार्यक्रम में हेलो मीडिया की आईडी लेकर घूमना यही सिद्ध करता है जो कि किसी भी चैनल में प्रसारित नही होता।
स्वर्गीय पत्रकार जयंत श्रीवास्तव की स्मृति में आयोजित सम्मान समारोह में इनकी राजनैतिक महत्वाकांक्षा स्पष्ट दिखाई दे रही थी जहां मंच पर एक दो को छोड़कर सभी कांग्रेसी नेताओं को ही आमंत्रित किया गया था, सम्मान समारोह के नाम पर अपनी पत्नी श्रीमती रिया श्रीवास्तव को नगर पालिका चुनाव में स्थापित करने का यह प्रयास उस समय हास्यपद स्थिति में पहुंच गया जब आमंत्रित किये गए पत्रकारों को बैठने के लिए कुर्सियांतक नसीब नही हुई, आयोजक अपने राजनैतिक हितों की पूर्ति में इतने मगन थे कि सम्मान करने के लिए बुलाये गए व्यक्तियों को खड़े देख कर भी उन्हें बैठने तक के लिए नही कहा गया जिससे स्वयम को अपमानित महसूस कर उन्होंने समारोह का बहिष्कार करने में ही अपनी भलाई समझा।
पहुँचते मंत्री तो हो जाती किरकिरी
समारोह स्थल की अव्यवस्थाओं को देखकर वहां खड़े लोगों में यह चर्चा आम थी कि चोटिल होने की वजह से केबिनेट मंत्री उमेश पटेल वहां नही पहुंच सके वरना आयोजको ने तो जिन्हें सम्मान देने बुलाया गया था उन तक को पूछने तथा बिठाने की व्यवस्था नही की थी अगर मंत्री जी वहां पहुंचते तो निश्चित तौर पर उनके समर्थक भी वहां पहुंचते जिससे पहले से ही बदहाल व्यवस्था बदहाली के अपने चरम सीमा पर पहुंच जाती ।
डिसक्लेमर :- ऊपर व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं