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रसोई गैस के व्यवसायिक उपयोग पर विभाग खामोश

क्यों न हो रसोई गैस की किल्लत जब क्षेत्र में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

इसे देखना हो तो नगर,ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों के प्रमुख चौराहों, रेस्त्रां व होटलों के किचन में नजर डाल दीजिए। जी हां, सारी सच्चाई आपके समाने आ जाएगी। खुलेआम रसोई गैस का व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा है और जिम्मेदार चैन की वंशी बजा रहे हैं।

फाइल फोटो

सरकारी नियमों के मुताबिक अगर कोई भी होटल, रेस्त्रां या व्यवसायिक प्रतिष्ठान घरेलू रसोई गैस का इस्तेमाल करता हुआ पाया जाएगा तो संबंधित प्रतिष्ठान के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसमें एजेंसी संचालकों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। लेकिन आदेश का क्रियान्वयन न तो नगर में हो रहा है और न ही ग्रामीण अंचल में।

घरेलू रसोई गैस का बेधड़क इस्तेमाल हो रहा है। ठेले व खोमचे वाले भी घरेलू रसोई गैस का बेखौफ व्यवसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक क्षेत्र में प्रतिदिन सैकड़ों घरेलू रसोई गैस का अवैध इस्तेमाल होटलों व अन्य जगहों पर किया जाता है। यदि इन अवैध सिलेंडरों पर प्रशासन की सख्ती हो जाए तो उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल सकती है।

घरेलू रसोई गैस का व्यवसायिक इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ व्यापक अभियान क्यों नहीं चलाया जाता।
जिस भी होटल,रेस्त्रां व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर घरेलू गैस का व्यवसायिक इस्तेमाल मिलेगा उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के अलावा अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएं।

हादसे का अंदेशा-

स्टेशन रोड़ रिहायशी क्षेत्र में दुकानों पर बारूद का ढेर रेल से यात्रा करने के लिए आवाजाही करने वाले जिला सहित दिगर जिले वासीयों का आना जाना लगा रहता है।

फाइल फोटो

दुकान से बाहर सड़क पर सज रहा हैं समय रहते प्रतिबंध नहीं किया गया तों विजयदशमी के पर्व पर होने वाली भीड़ के दौरान कहीं कोई हादसा होता है तो बड़ी जनहानि होने से इनकार नहीं किया जा सकता…

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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