गैस सप्लाई की पाइपलाइन बिछेगी

प्राकृतिक गैस सप्लाई के लिए खरसिया विकास खण्ड के 22गांवों से गुजरेगी पाइपलाइन, 1000से ज्यादा किसानों को मिलेगा मुआवजा
भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) नई दिल्ली की मुंबई-नागपुर-झारसुगुड़ा परियोजना जिले सहित छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से होकर गुजरेगी। इसके तहत प्राकृतिक गैस सप्लाई की पाइपलाइन बिछाई जानी है।
खरसिया विकास खण्ड के लोधिया,सरवानी,सूती,भदरीपाली,परसापाली,बोतल्दा,ठुसेकेला,बासमुड़ा,चोढा,मदनपुर,भेलवाडीह,बानीपाथर,रानीसागर,रजघट्टा, कुनकुनी,बेदोझरिया,टेमटेमा,कनमुरा, रक्सापाली,मुरा,नावापारा पूर्व,किरीतमाल हजारों किसानों की जमीन इससे प्रभावित हो रही है।
जमीन के अधिग्रहण को लेकर भारत के राजपत्र में 1 जुलाई 2022 को अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी गई है। इसके साथ ही जमीन के सर्वे और मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 21 दिन की प्रारंभिक आपत्ति भी बुलाई गई है। विकास खण्ड में अपने तरह का यह पहला प्रोजेक्ट है, जब प्राकृतिक गैस सप्लाई की पाइपलाइन गुजारने की तैयारी है।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की धारा 26 से 30 के तहत मुआवजा दिया जाएगा। इसमें जमीन के बाजार मूल्य के आधार मूल्यांकन कर दोगुना राशि दी जाएगी। इसके अलावा परिसंपत्तियों का आकलन किया जाएगा। इसे जोड़कर दोगुना सोलेशियम (मानसिक कष्ट) के रूप में जारी किया जाएगा।
मुंबई से झारसुगुड़ा तक 1405 किमी बिछेगी लाइन
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक मुंबई से नागपुर के लोधिया,सरवानी,सूती, भदरीपाली,परसापाली,बोतल्दा,ठुसेकेला,बासमुड़ा,चोढा,मदनपुर,भेलवाडीह,बानीपाथर,रानीसागर,रजघट्टा,कुनकुनी,बेदोझरिया,टेमटेमा,कनमुरा,रक्सापाली,मुरा, नावापारा पूर्व,किरीतमाल,होते हुए रायगढ़ विकास खण्ड डुमरपाली रास्ते झारसुगुड़ा तक करीब 1405 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जानी है।
गेल मई 2023 तक मुंबई से नागपुर के लिए 700 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा कर लेगी, जिससे मध्य भारत में भी गैस की सप्लाई हो सकेगी।
प्राकृतिक गैस का उपयोग इन कार्यों के लिए
प्राकृतिक गैस का उपयोग को लेकर भी भारत सरकार ने गाइडलाइन तय की है। इसमें खाद निर्माण, बिजली बनाने, नगर गैस वितरण में घरेलू गैस,वाहनों और कारखानों में भी ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकेगा।




