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समय से लक्ष्य अनुसार पूर्ण करें गिरदावरी की जांच- कलेक्टर भीम सिंह

होम आइसोलेटेड कलेक्टर  सिंह ने वीसी से ली कृषि विभाग की समीक्षा बैठक
खाद की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्यवाही के दिए निर्देश
कलेक्टर  सिंह मनरेगा से निर्मित बाड़ी का करेंगे निरीक्षण

रायगढ़ । कलेक्टर भीम सिंह ने आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से कृषि विभाग तथा उससे जुड़े अन्य विभागों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने गिरदावरी कार्य के जांच की विकासखण्ड वार समीक्षा करते हुए उसकी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की तथा सभी जांच अधिकारियों को उनको वितरित लक्ष्य के अनुसार शीघ्र जांच पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में सारंगढ़ एसएडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा धरमजयगढ़ के एसएडीओ को हटाकर किसी और को प्रभार देने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि गिरदावरी अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है और जांच पूरी गंभीरता से की जानी है अत: जिस भी अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी दी जा रही है। वह मौके पर जाकर खसरा नंबर के अनुसार रकबे का मिलान करे और यह सुनिश्चित करे कि पूरे रकबे में फसल के अलावा में नहर, तालाब, डबरी के रकबे कम किये गए हैं कि नही, जांच का लिखित प्रतिवेदन भी उन्होंने राजस्व और कृषि विभागों में देने हेतु निर्देशित किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपर कलेक्टर को निर्देशित किया कि कृषि विभाग के एडीइओ, वन विभाग तथा राजस्व के अधिकारियों को भी गिरदावरी की जांच की जांच से जोड़ते हुए लक्ष्य वितरित किये जाएं।

उन्होंने बाढ़ से हुए फसल क्षति का आंकलन पूर्ण करने और फसल बीमा करने वाली कंपनियों से संपर्क कर प्रकरण तैयार करते हुए शीघ्र क्लेम राशि भुगतान की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कलेक्टर  सिंह ने उद्यानिकी विभाग की योजनाओं की समीक्षा की और जिले में फल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत समतलीकरण के द्वारा जो बाड़ी विकसित की जा रही है उन स्थलों का वे स्वयं निरीक्षण करेंगे।

उन्होंने जिले में किसानों के केसीसी निर्माण की भी समीक्षा की। उन्होंने लीड बैंक मैनेजर से इस वर्ष खरीफ  फसल के लिए किसानों को वितरित लोन की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अब तक जिले में कितने किसानों के केसीसी बनाये गए हैं, उनमें से इस वर्ष कितने केसीसी बने और कितनों को लोन स्वीकृत हुआ इसकी जानकारी बनाकर प्रस्तुत करें। उद्यानिकी और मत्स्य पालन विभाग के लोन प्रकरणों की भी उन्होंने समीक्षा की और अधिक से अधिक संख्या में लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर  सिंह ने गोधन न्याय योजना की समीक्षा के दौरान गौठानों में गोबर खरीदी को और प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह ग्रामीणों के लिए अत्यंत लाभकारी योजना है, अत: ज्यादा से ज्यादा पशुपालकों को इससे जोड़ें। उन्होंने बताया कि अब गोधन न्याय योजना को और अधिक सुगम बनाया जा रहा है, इसके लिए एक विशेष एप बनाया गया है। जिसमे विक्रेता की सारी जानकारी फीड होगी और खरीदी के समय सिर्फ  गोबर की मात्रा की एंट्री की जरूरत होगी। उन्होंने कृषि और पशुपालन विभाग से कहा कि जिले में अभियान चला कर सभी पशुपालकों का पंजीयन अनिवार्य रूप से करें जिससे कोई पशुपालक वर्तमान में गोबर नही बेच रहा है और भविष्य में बेचता है तो वह भी तुरंत लाभान्वित हो सके।

उन्होंने जिले में खाद कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए।  खाद की आवश्यक मात्रा की भी जानकारी ली और उच्चाधिकारियों से समन्वय कर शीघ्र उपलब्ध कराने की बात कही। बैठक के दौरान उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अभी तक गैर पंजीकृत किसानों के पंजीकरण में आ रही समस्या का निदान कर कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण करने में निर्देश दिये।

गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण कार्य को भी शासकीय दिशा-निर्देशों के अनुसार व्यापक रूप से करने हेतु निर्देशित किया। पशुपालन विभाग से कहा कि प्रत्येक गौठानवार कितने पशु हैं उसकी जानकारी बनाकर दें साथ ही गौठानों के चारागाह में नेपियर घास प्लांटेशन पूरा करने के लिए कहा।

इस दौरान अपर कलेक्टर  आर.ए.कुरुवंशी, उपसंचालक कृषि  भगत, उप संचालक पशुपालन  पांडेय, उद्यानिकी व मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी लीड और अपेक्स बैंक प्रबंधक सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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