नई दिल्ली । अगले माह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के साझा प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी, पीएम नरेंद्र मोदी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी समर्थन मांगा है। 84 वर्षीय सिन्हा अटल बिहारी की सरकार में केंद्रीय वित्त व विदेश मंत्री रह चुके हैं।
18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग ने द्रौपदी मुर्मू को अपना प्रत्याशी नियुक्त किया है। मुर्मू ने कल पीएम मोदी समेत दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल कर दिया। मुर्मू को कई गैर राजग दलों का भी समर्थन हासिल है, इसलिए उनकी जीत तय मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष के साझा प्रत्याशी सिन्हा भी मैदान में डटे हुए हैं। वे सतत प्रचार अभियान चला रहे हैं।
यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से संपर्क किया। सूत्रों के अनुसार उन्होंने दोनों नेताओं से अपनी उम्मीदवारी का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने भाजपा के वयोवृद्ध व शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी आशीर्वाद मांगा। अटल सरकार में आडवाणी उप प्रधानमंत्री रहे थे और उसी सरकार में सिन्हा केंद्रीय मंत्री रहे थे। लंबे समय तक भाजपा में रहने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। मोदी सरकार-1 में उनके पुत्र जयंत सिन्हा वित्त मंत्री रहे थे। जयंत सिन्हा अभी भी भाजपा सांसद हैं, लेकिन उन्हें मोदी सरकार-2 में मंत्री नहीं बनाया गया।
सीएम सोरेन को याद दिलाया वादा, पर प्रचार टाला सिन्हा ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को भी फोन किया। सिन्हा ने उन्हें याद दिलाया कि उनकी पार्टी झामुमो ने विपक्ष के साझा प्रत्याशी के समर्थन का एलान किया था। सिन्हा शुक्रवार को झारखंड से प्रचार शुरू करने वाले थे, लेकिन अब झामुमो ने भी संथाल आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्म का समर्थन कर दिया है, इसलिए उन्होंने यह टाल दिया।
सोमवार को भर सकते हैं नामांकन
सिन्हा 27 जून सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं। इस मौके पर विपक्ष के दिग्गज नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है।
मुर्मू ने मांगा सोनिया, पवार, ममता से समर्थन सिन्हा से पहले राजग की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा नेता शरद पवार, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से समर्थन मांगा। चुनाव आयोग द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई का होगा और परिणाम 21 जुलाई को आएंगे। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होगा।