रायगढ़

राजयोगिनी दादी जानकी को प्रथम पुण्यतिथि पर याद किया गया

राजयोगिनी दादी जानकी को प्रथम पुण्यतिथि पर याद किया गया
रायगढ़: चक्रधर नगर चौक स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मे सस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका ब्र . कु . जानकी दादी का गत 27 मार्च को उनकी पहली पुण्य तिथी मनाई गयी । दादी संस्थान की ही नही बल्कि सारे विश्व की मां थी। लोगो में मूल्यो के विकास के लिए उनके देखभाल दुख दर्द को सुनना और अपने अनुभवो से दूसरो को श्रेष्ठ मार्ग की ओर प्रेरित करना उनके जीवन का अंग था । उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगाया।
दादीजी का जन्म 1916 में हैदराबाद सिंध में हुआ। 21 वर्ष कि आयु में वें संस्थान के संपर्क में आयी । परमात्मा शिव का सच्चा परिचय पाकर अपना जीवन ईश्वरीय सेवा मे समर्पित कर देश विदेश में दादी ने सेवाएं की खासकर यूरोप मे सेवाकेन्द्रों के स्थापना एवं विस्तार के निमित्त बनी। उनका स्नेह हर वर्ग, प्रत्येक उम्र के लोगो के लिए था। सच्चाई सफाई सादगी तीनो को सभी को अपने जीवन प्रेक्टिकल में धारण करने के लिए प्रेरित करती। दादी ने अपने जीवन काल में कभी झूठ का सहारा नही लिया। वे कहा करती सच्चे दिल पर ही परमात्मा राजी रहता है । आज मन की बिमारी का मुख्य कारण है व्यर्थ सोचना, व्यर्थ बोलना – इसके लिए कुसंग से बच अपना सच्चा मित्र बनो और परमात्मा को ही अपना साथी बनाओ।

19-20 दिसम्बर 2019 को दादी जी रायपुर प्रवास के दौरान राज्यपाल, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की गरिमामय उपस्थिति में “सच्चाई एवं सफाई ” को मूल मंत्र के रूप मे अपनाने की सलाह दी थी। दादीजी को ब्र . कु चित्रा बहन जी, राधिका बहन एवं सभी भाई बहनों ने फूल समर्पित कर श्रंदाजली दी।
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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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