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शहादत दिवस पर विशेष श्रद्धांजलि……राजनीतिक क्षेत्र के अपराजेय योद्धा नंद कुमार पटेल

ग्राम पंचायत के एक सामान्य कांग्रेसी कार्यकर्ता और क्षेत्रीय नेतृत्व कर्ता के कुशल कार्यशैली और पार्टी के प्रति अद्भुत निष्ठा ने उन्हें मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री और राजनीति के चतुर सुजान अर्जुन सिंह के विश्वासपात्र और करीबियों में शामिल कर दिया 1988 के विधानसभा उपचुनाव में अपने ग्राम पंचायत नंदेली में इस तरह मजबूत घेराबंदी और एकता स्थापित किया कि वहां विपक्षी प्रत्याशी का आमसभा तक संभव नहीं हो पाया और मतदान पश्चात मात्र 2 अंकों के वोट में सिमट कर रह जाना पड़ा। शहीद नंदकुमार पटेल के इसी निष्ठा और राजनीतिक दक्षता की परख करते हुए 1990 के विधानसभा चुनाव में उन्हें खरसिया विधानसभा का प्रत्याशी बनाया गया और किसान पुत्र शहीद नंदकुमार पटेल ने गांव, गरीब,किसान मितान का भरोसा जीत कर तब के धुरंधर राजनीतिज्ञ भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुष स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल जी को परास्त कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। इसके पश्चात फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और खरसिया विधानसभा क्षेत्र के अजेय योद्धा बनकर शहीद नंदकुमार पटेल जन जन के लाडले दुलारे नेता बन गए 25 मई 2013 को एक कायराना नक्सली हमले में हमने नंदकुमार पटेल और उनके बड़े पुत्र दिनेश पटेल सहित कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पुलिस के जवानों सुरक्षाकर्मियों को मिलाकर 30 लोगों को खो दिया । आज उनकी शहादत दिवस पर हम अश्रुपूरित श्रद्धांजलि के साथ पुण्य स्मरण करते हुए

आम आदमी के खास नेता के रूप में छत्तीसगढ़ प्रदेश में अपनी विशेष पहचान बनाने वाले सफल राजनीतिज्ञ छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में गृह मंत्री का दायित्व कुशलता पूर्वक निर्वहन करने वाले रायगढ़ जिला के नंदेली ग्राम में पिता स्वर्गीय महेंद्र सिंह एवं माता इंदुमती पटेल के द्वितीय पुत्र रत्न के रूप में जन्मे नंदकुमार पटेल उस शख्सियत का नाम है जो छत्तीसगढ़ की जनता के आशा और विश्वास के केंद्र बने हुए थे राजनीतिक कर्मभूमि में ग्राम पंचायत नंदेली के सरपंच के रूप में अपनी सफर की शुरुआत करने वाले कर्मयोगी सहित पटेल ने अपनी कर्मठता उत्कृष्ट कार्यशैली एवं दूरदर्शी राजनीतिक सोच से उस मुकाम को हासिल करने में सफलता अर्जित की जो उन्हें एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सर्वमान्य व्यक्ति बना गया था। अपने राजनीतिक यात्रा में शहीद पटेल ने सरपंच से लेकर जनपद सदस्य और विधायक से लेकर गृहमंत्री तक के गुरूत्तरदायित्व को बेहद ही कुशलता के साथ न केवल निर्वहन किया था वरन राजनीति में स्वअनुशासन एवं व्यवहार नीति का समन्वय कितना आवश्यक होता है उसे प्रमाणित करके दिखाया था।

विधानसभा चुनाव में 5 मार्च 1990 को मध्यप्रदेश के नवम् विधानसभा का सदस्य बनने के बाद नवंबर 1993 फिर 1995 एवं 1998 के विधानसभा चुनाव में भी जीत का झंडा फहराया और नया राज्य बनने के बाद दिसंबर 2003 और वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में भी बढ़ते मतों के अंतराल से सतत विजयश्री का वरण कर एक कीर्तिमान स्थापित करने वाले शहीद नंदकुमार पटेल खरसिया विधानसभा क्षेत्र के अजेय योद्धा बने रहे स्व. पटेल दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री गृह तथा जल संसाधन इत्यादि विभागों में अपनी नेतृत्व क्षमता की बदौलत मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में गृह मंत्रालय की कमान संभालने वाले एक सफल राजनीतिज्ञ के रूप में अपने आप को प्रतिष्ठित किया था । विधानसभा के विभिन्न समितियों के सदस्य एवं सभापती बनकर आपने इन पदों को सुशोभित किया।

नंदकुमार पटेल ने खरसिया विधानसभा क्षेत्र को शिक्षा सड़क और पेयजल के क्षेत्र में एक आदर्श स्वरूप बनाया जिसके लिए खरसिया विधानसभा को रोल मॉडल के रूप में देखा जाता रहा है ।विधानसभा क्षेत्र की और छोर तक प्रत्येक घर के सुख दुख हर जरूरत में जाकर खड़े होना नंदकुमार पटेल के स्वभाव में शामिल थाग्राम वासियों के आग्रह करने से पहले ही वह उनकी जरूरतों के हिसाब से कार्य की योजना बनाते और उसे पूरा करने के लिए जुड़ जाने वालों में शामिल थे।

पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में शहीद नंदकुमार पटेल के तीखे तेवर, आक्रामक रवैया अथक परिश्रम अनवरत कार्यक्रम एवं कार्यकर्ताओं तक पहुंचने की अनोखी कार्यशैली ने छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जैसे प्राणवायु संचारित करने का काम किया I छत्तीसगढ़ के प्रमुख नगरों में अंबिकापुर बिलासपुर राजधानी रायपुर में दिग्गज नेताओं को जोड़कर एक तरफ पार्टी के बीच एकता का बीज बोया तो दूसरी और कार्यकर्ताओं को पार्टी के प्रति समर्पण एवं अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया सहित पटेल ने अपने पार्टी के वर्षों से लंबित कार्यकारिणी को नए स्वरूप में स्थापित कर सभी शीर्षस्थ नेताओं को एक मंच पर जोड़ा वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ताओं के स्वाभिमान को जागृत करने में भी सफलता पाई।

अंबिकापुर के नक्सल प्रभावित बलरामपुर जिला अंतर्गत सांगोद थाना के ग्राम करचा में कथित नक्सली मुठभेड़ में पुलिसिया अनाचार की शिकार युवती मीना खलखो के गांव पहुंचकर पीड़ित महिला के परिजनों से मिले और उन्हें पार्टी की तरफ से आर्थिक सहायता दिला कर निष्पक्ष जांच की मांग की।

छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल के दौरान सहकारी समितियों में खाद की कृत्रिम कमी एवं कालाबाजारी के लिए जिलों में जाकर कांग्रेस पदाधिकारियों को साथ लेकर जिला कलेक्टरों से भेंट की बरसात के दिनों में प्रदेश के कई जिलों में अनवरत बारिश के कारण बाढ़ की भयावह स्थिति से तबाह हुए लोगों के बीच श्री पटेल ने स्वत: पहुंचकर उनके दुख दर्द में शामिल होकर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को हरसंभव सेवा एवं सहायता के लिए प्रेरित किया।

पार्टी के केंद्रीय प्रतिनिधि एवं मंत्रियों द्वारा को साथ लेकर प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सहित पटेल ने शिवरीनारायण,चंद्रपुर, रायगढ़ जिला के सरिया, पुसौर के बाढ़ प्रभावितों से मिलकर उन्हें सहायता पहुंचाई ।

प्रदेश में किसी भी पीड़ित ,शोषित, उपेक्षित एवं हादसों के शिकार लोगों से मिलने वालों में पहले व्यक्ति शहीद नंद कुमार पटेल हुआ करते थे। अपने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उपरोक्त कार्यो ने उन्हें पार्टी के आलाकमान का करीबी एवं विश्वासपात्र नेता बना दिया ।

छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन का शंखनाद करते हुए उन्होंने अंबिकापुर से बस्तर और रायगढ़ से दुर्ग तक उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम हर क्षेत्र में पहुंचकर कार्यकर्ताओं में उत्साह और ऊर्जा का संचार किया ।

काल की गति और प्रकृति की क्रूर नियतिको जन भावना के साथ चलना शायद स्वीकार नहीं था और 25 मई 2013 के उस दिन को हमें पुण्यतिथि के रूप में अंकित करने को विवश कर दिया। जब वे बस्तर क्षेत्र में एक सभा के पश्चात जगदलपुर के लिए प्रवास करते हुए दरभा के झीरम घाटी में नक्सलियों के कायराना हमला में अपने जेष्ठ पुत्र दिनेश के साथ वे शहादत को प्राप्त हो गए । क्रूर और दुर्भाग्यपूर्ण नक्सली हमले ने हमारे प्रिय लाडले और छत्तीसगढ़ के गांव गरीब किसानों के हितैषी नंद कुमार पटेल को उनके प्रिय पुत्र के साथ ही छत्तीसगढ़ प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं पुलिस के जवानों, ड्राईव्हर सुरक्षाकर्मियों को मिलाकर 30 लोगों के जान ले लिए और अब हम अपने यादों में ही शहीद पटेल और उनके प्रिय जेष्ठ पुत्र भैया दिनेश को चिरस्मरणीय बनाकर रखने को विवश हो गए।

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