उद्यानिकी फसल लेने वाले किसानों को प्रोत्साहित करें हिमशिखर गुप्ता
विशेष सचिव ने की सहकारिता विभाग की समीक्षा
रायपुर । विशेष सचिव सहकारिता हिमशिखर गुप्ता ने गुरुवार को अपेक्स बैंक पण्डरी के सभागृह में आयोजित समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि उद्यानिकी फसल लेने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। उद्यानिकी (हार्टिकल्चर) के लिए समिति प्रबंधकों, सुपरवाईजर्स को ऋण वितरण के लिए लक्ष्य आबंटित किया जाए। लक्ष्य पूर्ति की सतत समीक्षा की जाए। किसानों को उद्यानिकी फसलों के लिए समुचित ऋण सुविधा शिविर के माध्यम से रियायती दर पर उपलब्ध कराई जाए। विशेष सचिव सहकारिता ने कहा कि उद्यानिकी, मक्का, दलहन, तिलहन, मिलेट्स, गन्ना, सुगंधित धान एवं फोर्टिफाइड धान फसलों के लिए फसल ऋणमान स्वीकृत किए गए हैं। ऐसे किसान जो धान के अतिरिक्त अन्य फसल अपनाना चाहते हैं, उन्हें समुचित ऋण सुविधा रियायती दर पर उपलब्ध कराई जाए।
विशेष सचिव सहकारिता ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यूरिया और डीएपी खाद का समितियों के गोदामों में समुचित भण्डारण किया जाए। जिला विपणन अधिकारी से समन्वय बनाकर समितियों में खाद का भण्डारण एवं वितरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। मिलावट की शिकायत नहीं आनी चाहिए। समितियों में धान के उठाव और मिलान की जिलेवार समीक्षा करें। सहकारी समितियों में शासन द्वारा स्वीकृत गोदाम निर्माण की कार्यवाही की निरंतर समीक्षा करें। हिमशिखर गुप्ता ने प्रदेश में संचालित शक्कर कारखाना की समीक्षा करते हुए कहा कि हर कारखाना को सीसी लिमिट दी जाए। इसके लिए कारखानावार लिमिट भी तय कर ली जाए। लाभ-हानि को कैसे कम किया जाए, इसकी भी कार्ययोजना बनाएं। आगामी सीजन की तैयारी के लिए भी कार्ययोजना बनाकर भेंजे।
इस वर्ष अपेक्स बैंक द्वारा धान फसल के अतिरिक्त अन्य फसलों के लिए जिला बैंकों को 580 करोड़ का ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध अब तक अन्य फसलों के लिए 8.73 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया गया है। हिमशिखर गुप्ता ने कहा कि गोधन न्याय योजना न केवल पशुपालकों, बल्कि खेतीहर एवं भूमिहीन मजदूरों के लिए भी बहुत लाभकारी साबित हो रही है। गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने में अधिक से अधिक उपयोग के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए। प्रदेश में अब तक सहकारी समितियों के माध्यम से 12.95 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 3.36 लाख क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का विक्रय किसानों को किया जा चुका है। गौठानों में 2.38 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 1.72 लाख सुपर कम्पोस्ट खाद गोदाम में शेष है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात के दौरान सरगुजा एवं बस्तर संभाग में किसानों की मांग पर मुख्यमंत्री द्वारा सहकारी बैंकों की नवीन शाखाओं की घोषणा की गई है। हिमशिखर गुप्ता ने अधिकारियों को इस संबंध में नवीन शाखाओं को खोलने की कार्यवाही प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए।
बैठक में खरीफ सीजन 2022 में 5800 करोड़ रूपए के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 2421 करोड़ का कृषि ऋण 6 लाख 17 हजार 185 किसानों को वितरित किया जा चुका है। चालू खरीफ सीजन के लिए राज्य शासन द्वारा सहकारिता क्षेत्र के लिए रासायनिक उर्वरक का लक्ष्य 8.55 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। जिसके विरूद्ध अब तक कुल 3 लाख 59 हजार टन उर्वरक का भण्डारण किया जा चुका है, जिसमें से प्रदेश के किसानों को 2.24 लाख मीट्रिक टन का वितरण हो चुका है। राज्य में सहकारिता समितियों के गोदाम में 1.35 लाख टन रासायिक खाद उपलब्ध है। खादवार स्थिति की समीक्षा में बताया गया कि यूरिया एक लाख 29 हजार 515, डीएपी 56 हजार 808, एनपीके 1615, पोटाश 8163 और सुपरफास्फेट 28 हजार 10 मीट्रिक टन का वितरण किसानों को किया गया है। समितियों के गोदामों में यूरिया 86 हजार 944, डीएपी 21 हजार 527, एनपीके 914, पोटाश 8421 और सुपरफास्फेट 17 हजार 607 मीट्रिक टन उपलब्ध है। बैठक में जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि समितियों के गोदाम में उर्वरक का स्टाक का पाश मशीन में दर्शित उर्वरक मात्रा के साथ भौतिक सत्यापन किया जाए। बैठक में धान उपार्जन उठाव की समीक्षा भी की गई।
बैठक में सहकारिता विभाग के उप सचिव पी.एस. सर्पराज, अपर पंजीयक एच.के. दोशी, एच.के. नागदेव, प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक के.एन. कान्डे, संयुक्त पंजीयक डी.पी. टावरी, यू.बी.एम. राठिया, संयुक्त पंजीयक उमेश तिवारी सहित सभी जिलों के उप पंजीयक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के सीईओ, सहकारी शक्कर कारखाना के प्रबंध संचालक तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।