फोर्टिफाइड चावल से कुपोषण के खिलाफ जारी है जंग
ग्रामीणों में फोर्टिफाइड चावल के प्लास्टिक चावल होने की फैलाई जा रही भ्रांतियां
कोण्डगाांव । मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020-21 के अपने बजट भाषण में घोषणा कर राज्य के 20वें स्थापना दिवस के अवसर पर महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की दर को कम करने के उद्देश्य से पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में कोण्डागांव जिले के सभी राशन कार्डधारियों को आयरन एवं विटामिन से युक्त फोर्टिफाईड राईस वितरण की अभिनव योजना का ई-शुभारंभ किया गया था। जिसके लिये राज्य सरकार द्वारा 5 करोड़ 80 लाख रूपए का बजट प्रावधान भी किया गया था। जिसके द्वारा जिले के कुल 01 लाख 28 हजार 306 राशनकार्डधारियों को फोर्टिफाइड चावल प्रदान किया जा रहा है।
फोर्टिफाइड चावल में विभिन्न विधियों के माध्यम से चावल के प्राकृतिक पोषक तत्वों को बिना नष्ट किये उसमें विटामिन बी-12, बी-6, आयरन, फोलिक एसिड जैसे विटामिन एवं पोषक तत्वों को जोड़ा जाता है। इस फोर्टिफाइड चावल के प्रयोग से लोगों में होने वाले आवश्यक पौष्टिक तत्वों की पूर्ति, शरीर में खून की कमी, भू्रण विकास एवं खून निर्माण तथा नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाने एवं महिलाओं तथा बच्चों में होने वाले कुपोषण को दूर कर उन्हें स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। इस चावल को राज्य शासन द्वारा कोण्डागांव में बेहतरिन परिणाम प्राप्त होने के साथ इस योजना को राज्य के अधिक कुपोषण दर वाले 12 जिलों में विस्तारीत किया गया। जिसमें बस्तर, कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, कोरबा, महासमुंद, राजनांदगांव, रायगढ़, कबीरधाम, जिलों में भी संचालित किया जा रहा है, जिसके संबंध में जिले में कुछ ग्राम पंचायतों में यह अफवाह फैलाई गई थीं कि फोर्टिफाईड चावल प्लास्टिक युक्त है। जिसके संबंध में शिकायत प्राप्त होते ही कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन के माध्यम से सैम्पल प्राप्त कर कई बार जांच भी करायी गयी थी और इलेक्ट्रानिक, सोशल एवं प्रिंट मीडिया द्वारा एवं पोस्टर बेनर तथा जागरूकता शिविर के माध्यम से चावल के पौष्टिक होने का प्रचार किया गया था। जिसके पश्चात जिले में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन द्वारा विज्ञप्ति जारी कर ग्रामीणों को ऐसे अफवाहों को ध्यान नहीं देने एवं इसके उपयोग से होने वाले लाभों के संबंध में अवगत कराने के लिए जिले में कई चरणों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें खाद्य विभाग के अधिकारी विभिन्न ग्रामों में जाकर फोर्टिफाईड चावल की जानकारी दे कर उन्हें इसके लाभों के बारे में अवगत कराया जा रहा है। जिले में फोर्टिफाईड राईस तैयार करने लिए 23 राईस मिलों को राईस ब्लेडिंग कार्य सौंपा गया है। इस राईस का वितरण कोण्डागांव जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं जैसे मध्याह्न भोजन, आंगनबाड़ियों में इस योजना के तहत किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप जिले में कुपोषण एवं एनिमिया की दर में लगातार कमी आ रही है। जिला प्रशासन द्वारा कुपोषण के विरूद्ध फोर्टिफाइड चांवल को हथियार बनाकर कुपोषण को हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा लोगो को किसी भी प्रकार की भ्रांति से बचते हुए स्वयं इसका उपभोग करने तथा अपने आस-पास के लोगो को भी इसके उपभोग हेेतु प्रेरित करने की अपील की गई है। इसके लाभों के प्रचार एवं अपवाहों के निदान हेतु शासन द्वारा बैनर, पोस्टरों, बैठकों, संचार माध्यमों, जागरूकता शिविरों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिले के 394 उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से अबतक कुल 3667.355 मे0 टन चांवल का वितरण किया गया है।