छत्तीसगढ़

पेंडिग ऋण प्रकरणों का बैंक जल्द करें निराकरण – कलेक्टर  

एनआरएलएम, एनयूएलएम, एसटी, एससी व अंत्योदय स्वरोजगार के ऋण प्रकरणों के लंबित होने पर जताई नाराजगी

जिला स्तरीय परामर्शदात्री व पुनरीक्षण समिति की बैठक

रायगढ़। ग्रामीण अजीविका मिशन, शहरी आजीविका मिशन, एसटी-एससी एवं अंत्योदय जैसे लघु ऋण योजनाओं से संबंधित प्रकरण लंबित नहीं होना चाहिए। ऋण प्राप्त होने से आजीविका का मार्ग खुलता है एवं हितग्राही को रोजगार प्राप्त होता है, जिससे उनके जीवन स्तर में बदलाव आता है। अंत्योदय स्वरोजगार योजनाएं अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के लिए बनाई गई योजना है, अतरू ऐसे ऋण प्रकरण किसी भी बैंक में लंबित नही रहने चाहिए। उक्त बाते आज कलेक्टेरेट सभा कक्ष में आयोजित डीएलसीसी एवं डीएलआरसी की बैठक में कलेक्टर  ने कही।

बैठक में कलेक्टर ने शासन की योजनाओं से संबंधित बैंकों में लंबित ऋण प्रकरणों की समीक्षा की। इस दौरान लीड बैंक  मैनेजर द्वारा साख जमा अनुपात, प्राथमिकता क्षेत्र अग्रिम पर जमा 40 प्रतिशत से कम होने पर कलेक्टर ने सभी बैंकों को निर्देश दिए कि वे अग्रिम मानक लक्ष्य को पूरा करें। कलेक्टर ने इस दौरान प्रत्यक्ष कृषि, आर्थिक रूप से कमजोर, महिलाओं, अल्प संख्यक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग, एनयूएलएम, अंत्योदय स्वरोजगार से जुड़े ऋण प्रकरणों की विस्तार पूर्वक समीक्षा की। उन्होंने बैंको द्वारा प्रदान किए गए कृषि ऋण की संख्या और राशि की समीक्षा करते हुए बैकों को निर्देशित किया कि ऋण संख्या में वृद्धि की जाए तथा लक्ष्य को पूर्ण किया जाए। इस दौरान उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर, महिला और एसटी-एससी वर्ग के ऋण वितरण के प्रकरणों के लंबित होने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा इस प्रकार की योजना अंतिम छोर के व्यक्ति के आर्थिक विकास के लिए बनायी जाती है। इसलिए ऐसे प्रकरणों को अविलंब निराकृत किया जाए।

कलेक्टर श्री सिंह ने बैंकों द्वारा निर्मित केसीसी पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बैंकवार केसीसी की संख्या की समीक्षा की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति के पास पहले से किसी योजना से संबंध में केसीसी है, तो उन्हे अन्य योजना से संबंधित केसीसी के लिए पात्रता हो तो उससे वंचित नही किया जा सकता। इस दौरान विभागीय अधिकारियों ने अपने विभागों द्वारा बैंकों को भेजे गए प्रकरण, स्वीकृति एवं लंबित प्रकरणों की जानकारी दी। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जो प्रकरण स्वीकृति नहीं हो पा रहे है, उसे अविलंब विभागीय अधिकारी को कारणों सहित वापस किया जाए। जिससे प्रकरण बैंक में लंबित न रहे और उस प्रकरण पर यदि आगे कुछ कार्यवाही विभागीय स्तर पर संभव हो तो वह की जा सके। बैठक में सहायक संचालक जिला पंचायत, जिला व्यापार उद्योग केन्द्र, लीड बैक मैंनेजर, पशुपालन, उद्यानिकी, मत्स्य एवं जिले के सभी बैंक के अधिकारी उपस्थित थे।

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