छत्तीसगढ़

योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना प्रशासन की जिम्मेदारी : संभागायुक्त कावरे

दुर्ग । कलेक्ट्रेट सभागार में संभागायुक्त महादेव कावरे की अध्यक्षता में सभी विभागाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक की अध्यक्षता करते हुए संभागायुक्त ने प्रशासन और आम नागरिक को जोड़ने वाली कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला।उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रशासन का उद्देश्य केवल और केवल अंतिम हितग्राही तक शासन की योजनाओं को पहुंचाना है और सभी अधिकारियों को इसी मूल मंत्र के साथ कार्य करना चाहिए। बढ़ती हुई भीषण गर्मी को देखते हुए उन्होंने नगरी निकाय अमले को जल प्रदाय व्यवस्था पर सतत मॉनिटरिंग के लिए अलर्ट रहने और सभी नगरी वार्डों को टैंकर मुक्त करने दिशा में कार्य करने के लिए कहा।

उन्होंने बैठक में कुछ विशेष बिन्दुओं पर भी चर्चा की। इसमें ग्रामीणों को वृद्धा व अन्य पेंशनों का न मिल पाना शामिल था। इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायतों में विशेष शिविर लगाने की बात कही और खाते को आधार के साथ लिंक करने के लिए कहा ताकि ग्रामीणों को डीबीटी का बेनिफिट बिना किसी बाधा के मिल सके। इसके अलावा उन्होंने गर्मी में ओवरलोडिंग की समस्या के चलते विभिन्न स्थलों पर आने वाली बिजली की समस्याओं के निराकरण के लिए सीएसपीडीएल के संबंधित अधिकारियों को समस्या के निराकरण के लिए कहा। कई जगह नगरिकों को सरकार की हॉफ बिजली योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है इसके लिए उन्होंने चेक लिस्ट बनाएं जाने का सुझाव दिया ताकि लोगों को बढ़े हुए बिजली बिल से मुक्ति मिल सके।

इसके अलावा उन्होंने शासन की प्रमुख योजनाओं का लाभ हितग्राही के पास सुलभ तरीके से कैसे पहुंचे इसके लिए अधिकारियों को पारदर्शिता बरतने के लिए कहा।उन्होंने गौठानों में स्वसहायता समूह की महिलाओं को उनके कार्यों के लिए तुरंत भुगतान हो और गौठानों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार उन्मुख कार्य किया जायें इस बात पर ज्यादा जोर दिया।गौठानों को सोलर उपकरणों के माध्यम से ईकोफ्रेडली दिशा में आगे बढ़ाने, मछली पालन, नर्सरी कार्य, कुकुट पालन के साथ-साथ एलईडी बल्ब और गोबर से लॉग जैसी गतिविधियों संभागायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने सरकारी योजनाओं के लिए एक ऐसा ईको सिस्टम बनाने की बात कही जिससे कि बाहरी मार्केट की निर्भरता खत्म हो जाए। इसके लिए उन्होंने बाड़ी में उत्पादित होने वाले सब्जी का उपयोग मध्यान भोजन और आंगनबाड़ी इत्यादि में करने के लिए कहा। इस अवसर पर जब उन्हें ज्ञात हुआ कि जिले के 185 गौठानों मे 3 से ज्यादा एक्टीविटी चल रही है तो उन्होंने इस पर अपनी प्रसन्नता भी जाहिर की।

संभागायुक्त महादेव कावरे ने आने वाली खरीफ की फसल को लेकर भी विशेष चर्चा की जिसमें उन्होंने गौठानों में बन रहे वर्मी कंपोस्ट खाद के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कहा ताकि जिले के किसान डीएपी और अन्य रासायनिक खाद पर आश्रित न रहें। उन्होंने किसानों को फसल विविधता के लिए संबंधित अधिकारियों को प्रेरित करनें के लिए कहा ताकि किसान,शासन की योजनाओं का हिस्सा बन सके और अपनी फसल के लिए उचित मूल्य प्राप्त कर सके।

इसके अलावा मीटिंग में चिटफंड आवेदनों की स्क्रूटनी, कानून व्यवस्था की स्थिति, धान उठाव, मीलिंग व चावल जमा की स्थिति, एनजीजीबी के अंतर्गत स्वसहायता समूह ने की जाने वाली मल्टी एक्टीविटी ,ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना, सी-मार्ट की स्थापना व संचालन, मनरेगा की कार्यों की स्थिति, राजस्व संबंधी गतिविधियों ,आगामी फसल के लिए तैयारी, जल जीवन मिशन की धरातलीय स्थिति ,स्वामी आत्मानंद स्कूलों की संरचना एवं शिक्षकों की व्यवस्था, ग्रामीण हॉट बाजार, शालाओं के शौचालयों, शासकीय भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थिति, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, सड़कों के रख रखाव व निर्माण की स्थिति के लिए कार्ययोजना और सीएसपीडीसीएल के तहत विद्युत व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए विशेष चर्चा की गई।

इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कमिश्नर महादेव कावरे को उनके मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। इसके अलावा बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती पदमिनी भोई, हरेष मंडावी आयुक्त नगर निगम दुर्ग, प्रकाश कुमार सर्वे आयुक्त नगर निगम भिलाई, कीर्तिमान राठौर, आयुक्त नगर निगम चरोदा, आशीष देवांगन, आयुक्त नगर निगम रिसाली एंव सभी विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

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