छत्तीसगढ़रायगढ़

ऑनलाईन ठगी के शिकार डेन्टिस्ट डॉ. ईशान को वापस मिले 50 हजार… सायबर सेल और बैंक की सक्रियता से मुंबई की कंपनी ने आखिरकार लौटा दिए पैसे…जानिए कैसे?

रायगढ़।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
आम तौर पर ऑनलाईन ठगी के शिकार लोगों की जमापूंजी डूब ही जाती है, लेकिन यह पहला मामला है, जिसमें बिल नहीं पटने पर बिजली कनेक्शन का झांसा देते हुए डेंटिस्ट डॉ. ईशान अवस्थी से हड़पे 50 हजार रुपये उनको वापस मिल गए हैं और यह संभव हो सका है- बैंक एवं सायबर सेल की सक्रियता से।

सूत्रों के मुताबिक शहर के मुकुट नगर निवासी और अंचल के नामचीन अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. शरद अवस्थी के डेंटिस्ट बेटे डॉ. ईशान अवस्थी के मोबाइल फोन में विगत 30 अप्रैल को मैसेज आता है कि उनके घर की बिजली लाईन काटी जाएगी। पिछला बिल अपडेट नहीं है, इसलिये बचने के लिए फौरन बिजली अधिकारी का मोबाइल नंबर देते हुए कॉन्टेस्ट करने कहा गया। ईशान ने मैसेज में दिए मोबाईल नंबर पर फोन किया तो कॉल रिसीव करने वाले कथित बिजली अधिकारी दीपक शर्मा ने 10 रुपए का बीएसएनएल रिचार्ज करने के लिए कहा। डेंटिस्ट ने 10 रुपए का रिचार्ज किया तो कथित बिजली अधिकारी ने मोबाइल फोन के प्ले स्टोर में जाकर एनी डेस्क एप लोड करने की सलाह दी। डेंटिस्ट ने यह भी किया तो एप की लॉगिन आईडी मांगी गई। ईशान ने इसकी जानकारी दी तो ओटीपी आने पर उसे बताने के बाद वे 50 हजार रुपये के ऑनलाईन धोखाधड़ी के शिकार हो गए। चूंकि, डॉ. ईशान अवस्थी के बैंक एकाउंट से 50 हजार की डेबिट करने वाला हैकर 23 मिनट तक मोबाइल फोन से बात करता रहा। उसने ईशान से 10 रुपए का बीएसएनएल रिचार्ज कराने के बाद एनी डेस्क एप भी लोड करवाया। ऐसे में जब नेट बैंकिंग से रिचार्ज किया गया तो स्क्रीन शेयर हुआ।

पासवर्ड के अलावे यूजर आईडी भी दिखा और शातिर ने 50 हजार रुपए निकाला। अपने खाते से जमापूंजी निकलते ही ईशान को ठगी की भनक लगने पर कहा कि उनके 50 हजार का ट्रांजैक्शन हो गया तो आरोपी ने एमाउंट रिफंड करने के लिए फिर एक्सेस करने कहा। दरअसल, कोई नया ट्रांजैक्शन करता है तो इसके लिए अपर लिमिट 50 हजार है, मगर यह दुबारा में अनलिमिटेड हो जाता है। अगर ईशान यह गलती कर बैठते तो शातिर संभवत: उनके एकाउंट को खाली भी कर सकता था, मगर उन्होंने मौके की नजाकत को भांप वक्त न गंवाते हुए नेट बैंकिंग को तत्काल डिस्कनेक्ट करने के साथ एनी डेस्क एप को भी अनस्टॉल कर दिया। डॉ. ईशान फिर अपने घर के नजदीक भारतीय स्टेट बैंक के कृषि विकास शाखा गए और मैनेजर को आपबीती बताते हुए अपने सारे एकाउंट्स होल्ड पर रखवाया और फ्रि ज करा दिया। इसके बाद फौरन चक्रधर नगर बैंक में शिकायत दर्ज कराते हुए मदद मांगी।

सायबर सेल ने ईमेल और पे रिस्क द्वारा इंटर मिडियट बॉडी से प्रोसेस शुरू किया तो कथित बिजली अधिकारी दीपक शर्मा का लोकेशन झारखण्ड का जमतरा मिला। यही नहीं, सायबर सेल ने मैसेज के बाद कॉलिंग नंबर को खंगाला तो वह पी. बोल बिजनेस सॉल्यूशन कंपनी, मुंबई निकला, जो 1 बरस से रजिस्टर्ड है। सायबर सेल पे रिस्क थू्र प्रक्रिया आगे बढ़ी तो उससे कंपनी के सीनियर निखिल धवन तक बात पहुंची। निखिल ने मेल का रिप्लाई 3 दिन में देते हुए कहा कि एमाउंट रिफंड हो जाएगा। फिर बीते 7 मई को निखिल ने मेल कर बताया कि 48 घंटे में ईशान को पैसे वापस मिल जाएंगे। इसके बाद 10 मई को डॉक्टर ईशान अवस्थी के बैंक खाते में पूरे 50 हजार रुपए वापस आए, तब कहीं जाकर 11 रोज से परेशान अवस्थी परिवार ने राहत की सांस ली।

Advertisement
Advertisement
Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!