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जेएसडब्ल्यू प्लांट में ईएसपी,बैक फिल्टर मशीन नहीं थे चालू…

पर्यावरण विभाग के नोटिस, अल्टीमेटम के बाद कंपनी प्रबंधन ने व्यवस्था की दुरूस्त

रायगढ़। जिले में बड़े औद्योगिक घरानों की अंधेरगर्दी थमने का नाम नहीं ले रही है। आज भी कई बड़े उद्योग प्रशासन की नाक के नीचे प्रदूषण फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

नहरपाली स्थित मोनेट-जेएसडब्लयू कंपनी भी इसमें शामिल हैं। प्लांट में उत्पादन का काम तो लगातार किया जा रहा था मगर यहां की ईएसपी व बैक फिल्टर मशीन बंद थी। नतीजतन चिमनियां जहर उगल रही थीं। शिकायत पर पर्यावरण विभाग ने जांच की और नोटिस थमाते हुए व्यवस्था को ठीक करने का अल्टीमेटम दिया। इसके बाद कहीं जाकर ईएसपी व बैक फिल्टर मशीन को दुरूस्त कर चालू किया गया है।

शासन व प्रशासन के तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ उद्योग अमन चैन से बानीपाथर चोढ़ा रामवनपथ गमन और एन एच 49

नावापारा पूर्व के श्मशानघाट,

पर्यावरण व प्रदूषण को लेकर गंभीर नहीं हो रहे हैं। रायगढ़ जिले में आये दिन औद्योगिक अंधेरगर्दी के मामले सामने आते रहते हैं। फ्लाईएश डंपिंग के मामले में तो उद्योग सुर्खियों में बने ही हुए हैं अब फिर एक बार चिमनियां से प्रदूषण रूपी जहर उगलने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसी ही एक शिकायत पिछले दिनों पर्यावरण विभाग को खरसिया नहरपाली स्थित मोनेट-जेएसडब्ल्यू कंपनी के बारे में मिली थी। विभाग को शिकायत मिली थी कि प्लांट की चिमनियों से प्रदूषण फैल रहा है जिसका दुष्प्रभाव आस-पास के गांव वालों पर पड़ रहा है। ऐसे में शिकायत मिलते ही पर्यावरण विभाग की एक टीम ने विगत दिनों मोनेट-जेएसडब्ल्यू कंपनी का निरीक्षण किया। जांच के दौरान पाया गया कि मेंटेनेंस व देख-रेख के अभाव में प्लांट की ईएसपी व बैक फिल्टर मशीन खराब होकर बंद पड़ी है। बावजूद इसके कंपनी में लगातार उत्पादन का काम जारी है। परिणाम स्वरूप चिमनियां जहर उगल रही हैं और प्रदूषण का दुष्प्रभाव आस-पास के गांवों में पड़ रहा है। ऐसे में विभागीय अधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी प्रबंधन को धारा 31 क के तहत नोटिस जारी करते हुए ईएसपी व बैक फिल्टर मशीन को जल्द से जल्द चालू करने का अल्टीमेटम दिया था।

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