रायगढ़।
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मार्च व अप्रैल में वन कर्मचारी व रेंजरों के बेमियादी हड़ताल के बाद अभी वन विभाग का कामकाज पटरी पर लौट रहा था कि अब वन लिपिक संघ भी अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है और से आंदोलन पर चले गये हैं। इसके एक बार फिर से वन विभाग का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित गया है।
छत्तीसगढ़ वन लिपिक संघ के आव्हान पर जिला मुख्यालय सहित अन्य परिक्षेत्र में कार्यरत लिपिक बुधवार से अपने-अपने मुख्यालय परिसर में बेमियादी प्रदर्शन पर चले गए हैं। जिला मुख्यालय में रोज गार्डन के अंदर लिपिक संघ के पदाधिकारी धरने पर बैठ गये हैं। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा लंबे समय से 10 सूत्रीय मांग की जा रही है लेकिन विभाग के उच्च अधिकारी व सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। पूर्व में सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से भी अल्टीमेटम दिया गया था मगर नियत समय में किसी प्रकार का पहल मांगों को पूरा करने के दिशा में शुरू नहीं हुआ जिसको लेकर सभी लिपिक वर्ग कर्मचारी धरना प्रदर्शन में चले गए हैं। संघ की प्रमुख मांगों में तृतीय श्रेणी लिपिक वन सेवा भर्ती नियम को अद्यतन करते हुए लेखापाल के 317 पदों को सहायक ग्रेड 1 के 78 पदों को लेखा अधीक्षक के पद पर समाहित किए जाने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग से सहमति दिलाने, अन्य विभागों की तरह यहां भी लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का विभागीय परीक्षा आयोजित कर पदोन्नत करने, राजस्व विभाग की तरह अधीक्षक के पद को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिलाने व डाटा मैनेजर जैसे पदोन्नति चैनल निर्धारित करते हुए डाटा एंट्री ऑपरेटरों को 2400 ग्रेड पे से 43 सौ ग्रेड पे में पदोन्नत करने, वॉयरलेस ऑपरेटरों की पदोन्नति चैनल लागू करने सहित अन्य मांग शामिल है।
संघ ने ये सुविधाएं भी मांगी
वन लिपिक संघ ने इन मांगों के अलावा कुछ अन्य सुविधाएं भी मांगी हैं। संघ ने वृत्त व वनमंडल में कार्यलयों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए पृथक से फीडिंग रेस्ट रूम निर्माण करने व मुख्यालय और प्रधान कार्यालय में उनके विभिन्न कार्यों के लिए आने वाले लिपिक वर्र्गीय कर्मचारियों के लिए प्रसाधन व विश्राम कक्ष आवंटन करने, कर्मचारियों को आवास प्रदान करने, प्रति माह 1000 मोबाईल भत्ता दिलाने सहित अन्य सुविधााओं की मांग की है।
पहले ही दिन लिपिक शाखा में ताला
मार्च व अप्रैल में वन कर्मचारियों के बाद रेंजर हड़ताल पर चले गये थे। इससे फील्ड का काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ। जंगल के जंगल जल गये और वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा। मांगें पूरी होने के बाद वे वापस लौटे तो अब लिपिक वर्ग का आंदोलन शुरू हो गया है। इससे विभागीय कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। बुधवार को हड़ताल के पहले ही दिन रायगढ़ वनमंडल के लिपिक शाखा में ताला लगा रहा। अधिकारी वर्ग कार्यालय में मौजूद रहे मगर आंदोलन के चलते काम-काज प्रभावित रहा।
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