गौठान पहुंच दिवस के निरीक्षण प्रतिवेदनों की हुयी डीब्रीफिंग
8 अप्रेल को जिले में एक साथ 534 गौठानों का हुआ था निरीक्षण
रायगढ़ । छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत शामिल गौठानों के संचालन को बेहतर बनाने की दृष्टि से कलेक्टर श्री भीम सिंह के निर्देश पर रायगढ़ जिले में 8 अप्रेल को गौठान पहुंच दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें जिले के सभी 534 गौठानों के निरीक्षण हेतु एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। जिनके द्वारा निरीक्षण किया गया। कलेक्टर श्री भीम सिंह ने नगर निगम ऑडिटोरियम में इन सभी नोडल अधिकारियों की मैराथन बैठक ली। जिसमें उन्होंने प्राप्त निरीक्षण प्रतिवेदनों की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गौठानों के अलग अलग विभागों की गतिविधियां चल रही होती हैं इसलिए गौठानों के सुचारू संचालन के लिए विभागीय समन्वय बेहद महत्वपूर्ण व जरूरी है। अत: सभी अधिकारियों को नियमित रूप से गौठानों का निरीक्षण व मॉनिटरिंग करें। जिससे संचालन में कोई समस्या हो तो उसका त्वरित निराकरण हो।
उन्होंने अधिकारियों से एक-एक कर उनके द्वारा निरीक्षण किये गौठान के संचालन के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने वहां की आवश्यकताओं व समस्याओं के साथ गौठान के संचालन को बेहतर बनाने के लिए सुझावों पर चर्चा की। कलेक्टर श्री सिंह ने अधिकारियों से गौठान में गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट निर्माण व विक्रय, वर्मी पिट व शेड निर्माण, पशुओं के लिए हरे व सूखे चारे की व्यवस्था, मल्टी एक्टिविटी शेड के साथ बिजली पानी की उपलब्धता के बारे में बिंदुवार जानकारी ली। उन्होंने यहां कार्यरत समूहों द्वारा संचालित गतिविधियों, उनके भुगतान व पंजियों के संधारण के बारे में भी जानकारी ली।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि गौठानों में नियमित रूप से गोबर खरीदी व वर्मी कंपोस्ट का निर्माण होना चाहिए। कम्पोस्ट निर्माण के लिए तकनीक मार्गदर्शन देना कृषि विभाग के जिम्मेदारी है। जिससे अपेक्षित मानक के वर्मी कंपोस्ट का निर्माण हो। गौठान में कार्यरत समूह यदि सक्रिय न हो तो उसे बदला जाए। साथ ही गौठानों में बिजली व पानी की व्यवस्था भी होनी चाहिए। उन्होंने पशुओं के नियमित रूप से आने तथा उनके आहार के रूप में हरे व सूखे चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। गौठानों में संचालित मल्टी एक्टिविटी सेंटर के तहत चल रही गतिविधियों के संबंध में भी उन्होंने विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने जहां पर उपकरणों की आवश्यकता है उसे प्रदान करने साथ ही समूहों को जरूरी ट्रेनिंग तथा मार्केटिंग की सुविधा भी प्रदान करने के लिए एनआरएलएम शाखा के अधिकारियों को निर्देशित किया। समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को स्थानीय स्तर पर बेचने के साथ ही सी-मार्ट में भी विक्रय के लिए भेजा जाए। जहां निर्माण कार्य अधूरे हैं अथवा मरम्मत की आवश्यकता है उसे संबंधित एजेंसी से करवाने के निर्देश सभी जनपद सीईओ को दिए। गौठान में किये जा रहे पशुपालन, मछली पालन व उद्यानिकी से जुड़ी गतिविधियों की भी समीक्षा बैठक में की गयी। उन्होंने आगे कहा कि एक माह बाद पुन: गौठान पहुंच दिवस का आयोजन किया जाएगा। तब तक सारी व्यवस्थाएं बेहतर कर ली जाए।
उन्होंने कहा कि गौठान शासन की सबसे महत्वपूर्ण योजना में से है यह ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है अत: इसके संचालन में सभी को एक टीम की भांति कार्य करना होगा जिससे इस योजना का अधिकतम लाभ ग्रामीणों को मिल सके। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने वन विभाग के गौठानों के संबंध में भी प्रतिवेदन के आधार पर समीक्षा की उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को गौठानों में सभी बुनियादी संरचना व सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने नगरीय निकायों के अंतर्गत संचालित गौठानों की बारे में भी सभी संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने इन गौठानों में नियमित रूप से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन व विक्रय के साथ मल्टी एक्टिविटी गतिविधियां संचालित करने के लिए कहा।
इस दौरान नगर निगम आयुक्त एस.जयवर्धन, सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल, एसडीएम धरमजयगढ़ संबित मिश्रा, सभी ज्वाइंट व डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, सीईओ जनपद, कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी, शिक्षा तथा महिला बाल विकास सहित व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।