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राहत शिविरों में हो रही है बच्चों की पढ़ाई, रोजेदारों की जरूरत का भी रखा जा रहा है खयाल

रायगढ़। लॉक डाउन मे फंसे लोगों के रुकने के लिए बनाये गये राहत शिविरों मे रुके लोगों की बुनियादी सुविधाओं के साथ उनकी अन्य जरूरतों का भी याल रखा जा रहा है। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में बने राहत शिविर मे बचों की पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था की गयी है। रमजान का महिना चालू होने पर शिविर मे रह रहे रोजेदारों के लिए भी खास इन्तेजाम किये गये हैं। शिविर मे रह रहे लोगों के मनोरंजन के लिए टी वी भी लगवाई गयी है।

धरमजयगढ़ के हाटी में बने राहत शिविर मे कई श्रमिक परिवार रुके हुए हैं। जिनमें छोटे बचे भी शामिल हैं। लॉक डाउन के इस कठिन समय के बीच इन बचों के बौद्धिक विकास प्रक्रिया को जारी रखने के लिए प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। शिविरों में ही बचों की पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था की गयी है। शासकीय विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक नियमित रूप से शिविर में आ कर बचों की पढ़ाई करवा रहे हैं। बचों को कॉपी-किताब और स्टेशनरी का सामान दिया गया है। बचों को गीत विडियो के साथ अक्षर ज्ञान, अल्फाबेट और जोडऩे घटाना जैसे गणित और भाषा के पाठ पढ़ाये जा रहे हैं। बचे भी पूरे उत्साह और मनोयोग से इन क्लासेज में नयी चीजे सीख लॉक डाउन के इस समय का भरपूर उपयोग कर रहे हैं।

झारखण्ड के गढ़वा जिले रामपुर गाँव के सद्दाम हुसैन और सरफुद्दीन खान रायगढ़ में काम के सिलसिले मे आये हुए थे। लॉक डाउन लगने से उन्हें धरमजयगढ़ के राहत शिविर में आसरा लेना पड़ा। लॉक डाउन की मियाद खत्म होने से पहले ही रमजान का महिना चालू हो गया। रमजान में सद्दाम और सरफुद्दीन दोनों रोजा रखते हैं। जिसके लिए एक विशेष जीवनशैली का पालन करना होता है। उन्होंने इस वर्ष भी रोजा रखने की बात शिविर में तैनात अधिकारियों को बताई। जिस पर तत्काल सुबह की सहरी और शाम को रोजा खोलने के वक्त उनकी जरुरत के मुताबिक सामान उपलब्ध करवाने के इंतजाम किया गया। इसके साथ ही शिविर में रुके लोगों के मनोरंजन के लिए टी वी की व्यवस्था भी की गयी है।

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