आध्यात्मखरसियाछत्तीसगढ़

भागवत कथा में गोवर्धन पूजा का बताया महत्व

खरसिया- गोवर्धन का अर्थ है गो संवर्धन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत मात्र इसीलिए उठाया था कि पृथ्वी पर फैली बुराइयों का अंत केवल प्रकृति एवं गो संवर्धन से ही हो सकता है। यह उद्गार राठौर भवन,पुरानी बस्ती में चल रही श्रीमदभागवत कथा में शनिवार को कथावाचक श्री प्रेमशंकर चौबे जी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अगर हम बिना कर्म करे फल की प्राप्ति चाहेंगे तो वह कभी नहीं मिलेगा, कर्म तो हमें करना ही होगा।कथावाचक ने गोवर्धन पर्वत की कथा सुनाते हुए कहा कि इंद्र के कुपित होने पर श्रीकृष्ण ने गोवर्धन उठा लिया था। इसमें ब्रजवासियों ने भी अपना-अपना सहयोग दिया। श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए राक्षसों का अंत किया तथा ब्रजवासियों को पुरानी चली रही सामाजिक कुरीतियों को मिटाने एवं निष्काम कर्म के जरिए अपना जीवन सफल बनाने का उपदेश दिया। इस मौके पर मंदिर प्रांगण में गिरिराज पर्वत की झांकी सजाई गई एवं छप्पन भोग लगा कर श्रद्घालुओं को प्रसादी वितरित की गई।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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