छत्तीसगढ़रायगढ़

धरमजयगढ़ – घरघोड़ा खरसियां पैसेंजर ट्रेन जल्द प्रारंभ किया जाये – श्याम भोजवानी

  • सांसद गोमती साय के मांग पर तत्कालीन रेलवे मंत्री के स्वीकृति के बाद भी पैसेंजर ट्रेन नहीं हुई प्रारंभ !
  • बिलासपुर रेलवे जोन महाप्रबंधक को जल्द व्यवस्था सुचारू करने को श्याम भोजवानी ने लिखा पत्र।
  • रेलवे प्रशासन का कहना है जून के अंत तक पैसेंजर पटरी पर दौड़ेगी?

रायगढ़, 03 फरवरी। वर्षों से रेल सुविधा की राह ताक रहे छत्तीसगढ़ के अंतिम सुदुर वनांचल धरमजगढ़ घरघोड़ा छाल खरसिया तमनार क्षेत्र के लोगों का आखिरकार सपने साकार होने के करीब पर है, बिलासपुर जोन अंतर्गत दपूमरे द्वारा घरघोड़ा रेल कोरीडोर की महत्वाकांक्षी परियोजना का नींव तत्कालीन मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने 2017 में रखी थी. छत्तीसगढ़ प्रदेश के हर कोने तक रेल लाइन पहुंचे इस बहुउद्देशीय योजना को लेकर देश की राजधानी के बहुत चक्कर लगाने पड़े थे, तब जाकर प्रदेश के लिए मेगा बजट रेल कॉरिडोर तैयार हो पाया पुर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह ने अपने कार्यकाल के बारह वर्ष इस परियोजना के लगातार प्रयत्नशील रहे जिससे के सुदूर पहुच विहिन क्षेत्र तक रेल लाइन पहुंचे और राज्य के लोगों रेल सुविधा मिल सके इसके लिए लंबे समय से प्रयासरत रहने का प्रतिफल है आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के साथ रायगढ़ जिले के आदिवासी अंचल घरघोड़ा ईस्ट वेस्ट रेल कॉरिडोर का निर्माण लगभग अंतिम चरण पर है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम भोजवानी ने रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर नाखुशी जाहिर करते हुए सांसद गोमती साय से इस विषय पर चर्चा की एवं केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर जल्द से जल्द यात्री पैसेंजर ट्रेन प्रारंभ करने का आग्रह किया है, इस संदर्भ में बिलासपुर मंडल रेलवे जोन महाप्रबंधक आलोक कुमार से श्याम भोजवानी ने आग्रह किया है कि इस वृहद परियोजना का कार्य लगभग अंतिम होने को है तो पैसेंजर ट्रेन चलाने की प्रक्रिया में गति लाई जाये अगर इसी तरह से रेलवे प्रशासन की विभागीय कार्रवाई में ढील डाल कार्य का निष्पादन होगा तो जून तक पैसेंजर ट्रेन चल पाना असंभव है?

रायगढ़ जिले के सबसे अधिक आदिवासी आबादी वाले हिस्से में यह परियोजना बन रही है इस रेल लाइन में सबसे अधिक आदिवासी खेतीहर भूमि अधिग्रहण में गई है, लगभग एक हजार एकड़ से अधिक भूमि का रेलवे ने अधिग्रहण किया है, सिर्फ इस बहुउद्देश लिए की इस क्षेत्र को रेलवे कनेक्टिविटी के साथ आदिवासी वनांचल क्षेत्र के लाखों लोगों को विकसित करने के लिए बड़े शहरों के साथ रेल मार्ग से जल्द जोड़ा जा सके, कार्य को गतिशील करने के लिए इस ओर विशेष ध्यान देते हुए रेलवे प्रशासन को विभाग स्तर पर समुचित व्यवस्था दुरूस्त करने की आवश्यकता है

ईस्ट कॉरिडोर का पूरा रूट 122 किलोमीटर का होगा जिसमें मुख्य लाइन खरसिया से घरघोड़ा कारिछापर 44 (किलोमीटर, डबल लाइन), घरघोड़ा से धर्मजयगढ़ (30 किलोमीटर सिगल लाइन), स्पर लाइन (28 किलोमीटर, सिंगल लाइन) और फीडर रूट 20 किलोमीटर शामिल हैं. रेलवे का कहना है कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य रायगढ़ मंडल क्षेत्र में एसईसीएल कोयला खदानों से कोयले की निकासी और उत्तरी छत्तीसगढ़ क्षेत्र के आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों का विकास है. ईस्ट कॉरिडोर का मुख्य जंक्शन घरघोड़ा को बनाया गया है जहां से सबसे ज्यादा राजस्व आय अर्जित करने व एशिया के सबसे बड़े पावर प्रोजेक्ट एनटीपीसी लारा पावर हब तक तिलाईपाली खदान से कोयला पहुंचना है, वर्तमान में एक मात्र मुख्य डबल लाइन घरघोड़ा से खरसिया तक जोड़ी गई है जो झारसुगुड़ा की ओर और नागपुर की ओर सीधे जोड़ता है, रेलवे पैसेंजर ट्रेन इस रूट पर आरंभ कर सकती हैं क्योंकि इसमें वर्तमान में मालगाड़ी का आवागमन सुचारू रूप से चल रही है।

तय समय से पहले अगर पेसैंजर ट्रेन चलाई जाती है तो क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी सबसे ज्यादा लाभान्वित घरघोड़ा धरमजगढ़ के लोगो होंगे कारण आज जिस तरह से सड़कों का हाल है खास कर राष्ट्रीय राजमार्ग जो इस क्षेत्र का आवागमन के मुख्य साधन है, खादनों से निकलने वाली भारी वाहन लोगों के लिए काल के रूप दिन रात सड़कों पर दौड़ती है, कॉरिडोर के बनने के बाद दुअर्घटनाओं पर लगेगा अंकुश घरघोड़ा, धरमजयगढ़ व तमनार सहित खररिया मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही कुछ हद तक कम हो जाएगी। रेल कारीडोर के शुरू हो जाने के बाद से रेल मार्ग से कोयले का परिवहन होगा। रेल मार्ग से कोयले का परिवहन होने की स्थिति में भारी वाहनों की आवाजाही में कुछ हद तक अंकुश लगेगा।

श्याम भोजवानी ने बताया की हमारी मांग में प्राथमिकता रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली से पहले ही यह अपने तय समय से बहुत आगे बढ़ा जिसके कारण उद्योग व कंपनियों को भी नुकसान हो रही है, जिस परिपेक्ष से यह कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है उसका लाभ बिना नुकसान के समय पर मिलना चाहिए स्टेशन में आवश्यक रूप से रेलवे अधिकारी कर्मचारीयों पदस्थापना प्रकिया जल्द पुरा कर रेलवे प्रशासन को अपने जिम्मेदारी के प्रति सजग दिखाई देने की आवश्यकता है, जिससे सामान्य रूप से यात्री पैसेंजर ट्रेन का सुचारू रूप से परिसंचारन तय हो सके।

श्याम भोजवानी ने इस वृहद परियोजना पर याद दिलाया कि 24 सितंबर 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह उस वक्त के रेलवे मंत्री पीयुष गोयल ने रेल लाइन का भूमि पूजन कर फेस वन खरसिया से धरमजयगढ़ 74 किमी के लिए 3 हजार 55 करोड़ रुपए लागत में बनने वाली रेल कॉरिडोर निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखा कर एक वर्ष में कार्य पुर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था,जो वर्तमान में ईस्ट रेल खरसिया से धरमजयगढ़ तक का कार्य पुरा हो गया है,एसईसीएल की अनुषंगी रेल कॉरिडोर कंपनी छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल लिमिटेड के घरघोड़ा रेल्वे साईडिंग से 15 नवंबर 2019 को कोयले से भरा पहला रेक रवाना किया गया है। यह डिस्पैच छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) के माड़वा पॉवर हाऊस को किया गया था आज लगभग रेलवे ईस्ट लाइन का कार्य पुरा होकर मालगाड़ी का परिचालन भी प्रारंभ हो गया है।

खरसिया घरघोड़ा धरमजयगढ़ के मध्य लगभग सभी स्टेशनों का कार्य पूरा कर लिया गया है इस कारण पुर्व में रायगढ़ सांसद गोमती साय द्वारा रेल मंत्री को पत्र लिखकर मांग यात्री पैसेंजर ट्रेन चलाने की मांग किया गया था जिसमें तत्कालीन रेल मंत्री पीयुष गोयल ने पैसेंजर ट्रेन चलाने की अनुमति प्रदान करते हुए बिलासपुर जोन महाप्रबंधक को तत्काल आवश्यक कार्रवाई के लिए आदेशित किया था, परन्तु अभी तक इस ओर रेलवे प्रशासन ने पेसैजर ट्रेन चलाने की कोई कयावाद पुरी नहीं किया है वर्तमान में ईस्ट लाइन में नौ स्टेशन बनाए जाने हैं जिसमें लगभग सभी स्टेशन बनकर तैयार है, इस कारण इस ओर रेलवे प्रशासन को गतिशील होकर कार्य करने की आवश्यकता है।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!