
प्रेस विज्ञप्ति
सीएसईबी डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन ने जताया कड़ा विरोध, विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन – मिला सकारात्मक आश्वासन
रायपुर।छत्तीसगढ़ राज्य की पावर कंपनियों द्वारा लिए गए हालिया निर्णय से प्रदेश के इंजीनियरों और बेरोज़गार युवाओं के भविष्य पर गहरा संकट मंडरा रहा है। CSPDCL में 4 सितंबर 2025 से और CSPGCL में मई 2025 से जूनियर इंजीनियर (JE) से असिस्टेंट इंजीनियर (AE) पदोन्नति का कोटा घटाकर लागू कर दिया गया है।
जहाँ CSPTCL में पहले से ही केवल 20% पदोन्नति कोटा लागू है — जिसे बढ़ाकर 70% किया जाना चाहिए था — वहीं उल्टा कदम उठाते हुए CSPDCL और CSPGCL में भी कोटा घटा दिया गया है।
🔹 निर्णय से होने वाले नुकसान
कोटा घटाने से जे.ई. को पदोन्नति पाने के लिए अब 25 वर्ष से अधिक का इंतज़ार करना पड़ेगा।
आने वाले वर्षों में AE के सैकड़ों पद स्वतः रिक्त हो रहे हैं, जिनकी भर्ती स्वाभाविक रूप से आवश्यक है — ऐसे में कोटा घटाना अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक है।
यदि CSPDCL और CSPGCL में 70% कोटा यथावत रखा जाए तथा CSPTCL में भी 70% किया जाए, तो आने वाले वर्षों में लगभग 300 नए जूनियर इंजीनियरों की भर्ती संभव है। इससे छत्तीसगढ़ के स्थानीय बेरोज़गार युवाओं को सीधा लाभ मिलेगा।
JE भर्ती केवल स्थानीय अभ्यर्थियों से होती है, जबकि AE भर्ती में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को भी मौका मिलता है — ऐसे में कोटा घटाना स्थानीय युवाओं का हक़ छीनने के समान है।
यह निर्णय न केवल स्थानीय रोजगार अवसरों को कम करेगा, बल्कि कंपनियों के भविष्य को भी संकट में डालेगा।
इसके अतिरिक्त, इस निर्णय से कंपनी पर लगभग ₹168 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार भी पड़ेगा।
🔹 एसोसिएशन की आपत्तियाँ
CSEB डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन का कहना है कि —
यह निर्णय छत्तीसगढ़ के हजारों बेरोज़गार इंजीनियरों के साथ छलावा है।
विभाग उच्च पदों पर बाहरी अभ्यर्थियों की भर्ती को प्राथमिकता दे रहा है, जो प्रदेश के युवाओं के साथ अन्याय है।
पावर कंपनियों की समस्या का समाधान पदोन्नति कोटा घटाकर नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर भर्ती और पदोन्नति बढ़ाकर किया जा सकता है।
🔹 विधानसभा अध्यक्ष से मुलाक़ात
एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने रायपुर स्थित कार्यालय में माननीय विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से भेंट कर विस्तृत ज्ञापन सौंपा।
साथ ही, प्रमोशन हेतु डी.पी.सी. पूर्ण हो चुके कनिष्ठ अभियंताओं के पदोन्नति आदेश शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया गया।
प्रतिनिधिमंडल में संघ के अध्यक्ष बी.बी. जायसवाल,प्रांतीय महासचिव समीर पांडेय सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. रमन सिंह ने प्रतिनिधिमंडल की चिंताओं को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि—
“छत्तीसगढ़ के बेरोज़गार इंजीनियरों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।”
साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रमोशन हेतु रुके कनिष्ठ अभियंताओं के पदोन्नति आदेश जल्द जारी कराने के लिए चेयरमैन से चर्चा करेंगे।
सी एस ई बी डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन, छत्तीसगढ़



